मप्र विधानसभा में कैग रिपोर्ट पेश, कई योजनाओं में गड़बड़ी का खुलासा

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मप्र विधानसभा में कैग रिपोर्ट पेश, कई योजनाओं में गड़बड़ी का खुलासा


भोपाल, 17 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन सोमवार को कैग 2022 की रिपोर्ट पेश की गई। इसमें संबल, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना समेत कई योजनाओं में अनियमितता और भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। इसे लेकर भी विपक्षी दलों ने हंगामा किया। विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा वर्ष 2024-25 में 18,706 करोड़ 58 लाख 73 हजार 447 की अनुपूरक राशि के लिए प्रस्ताव दिया। इसके बाद अनुपूरक बजट चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। विधानसभा में मध्य प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 पारित किया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

मप्र विधानसभा के बजट सत्र का पांचवां दिन हंगामेदार रहा। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों ने मऊगंज की घटना में एएसआई की मौत, इंदौर में वकील और पुलिस के बीच विवाद और मंडला में नक्सली एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए जमकर हंगामा किया। इसके बाद विधानसभा में बजट को लेकर चर्चा हुई।

इस दौरान कांग्रेस विधायक पूर्व मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि 2024-25 और 2025-26 के राजकोषीय घाटे में 25 फीसदी का अंतर है। सरकार मध्य प्रदेश की जनता को कितना कर्ज में डुबोएगी। 31 मार्च 2026 तक 28 हजार 236 करोड़ रुपए कर्ज का ब्याज हमें चुकाना होगा। राजकोषीय प्राप्ति यानी आमदनी बढ़ाने में भी सरकार फेल साबित हो रही है।

बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा कु पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखा था कि कर्ज लेने की सीमा को बढ़ाया जाए। उस पत्र का जवाब आज तक नहीं आया है लेकिन राज्य सरकार मनमाने तरीके से कर्ज लेती जा रही है। बजट में सरकार ने जनता को भ्रमित करने का काम किया है। निवेश प्रोत्साहन में 3 हजार 250 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देने की बात कही गई है। इसके विपरीत इस वर्ष एक हजार 750 करोड़ रुपये का ही प्रावधान किया गया है यानी सरकार को खुद पर ही भरोसा नहीं है।

विधानसभा में साल 2022 की कैग रिपोर्ट भी पेश की गई। कैग रिपोर्ट 2022 में संबल योजना में भी गड़बड़ी की बात सामने आई है। 67 लाख 48 हजार श्रमिकों को अपात्र घोषित कर दिया गया। कैग के अनुसार भौतिक प्रक्रिया नियमानुसार नहीं की गई। कैग रिपोर्ट 2022 में सरकारी जमीन आवंटन में भी गड़बड़ी की बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को नियम विरुद्ध जमीन आवंटित की गई। इससे राजस्व को 65.5 करोड़ का नुकसान हुआ। कैग रिपोर्ट में प्राकृतिक आपदा में दी जाने वाली राहत राशि में अनियमितता का खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक 2018 से 2022 तक 13 जिलों में अपात्र लोगों को राशि बांटी गई। कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों समेत अपात्र लोगों को 23.81 करोड़ की राहत राशि दी गई।

विधानसभा में पेश कैग 2022 की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 14 नगरीय निकाय में 34.07 प्रतिशत घर में अभी भी नल कनेक्शन नहीं है। पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच नहीं की गई। उपभोक्ताओं के परिसर में पानी के मीटर नहीं लगाए। कैग की 2022 की रिपोर्ट में अंत्येष्टि सहायता राशि में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। श्रमसेवा पोर्टल के डाटा के विश्लेषण पर सामने आया कि 142 मामलों में जिन 52 खातों में 1.68 करोड़ की राशि जमा की गई वह खाते पंजीकृत श्रमिकों के नहीं थे। विवाह सहायता के 86 मामलों में बिना पंजीकृत श्रमिकों के 41 बैंक खातों में 38.92 लाख की राशि की जमा की गई।

कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि सरकार ने प्रति व्यक्ति जो आय बताई है, उसके अनुसार प्रति व्यक्ति मासिक आमदनी 11830 होती है। अंशकालिक कर्मचारी रसोइयों को सिर्फ 4 हजार रुपये ही दिए जा रहे हैं। पीएम मोदी 2047 में आय के जो आंकड़े बता रहे हैं, उसके लिए हर व्यक्ति की आमदनी एक लाख रुपए होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में जो कुछ भी बोला जाता है उसमें सच्चाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह आज से ही मिशन सच्चाई चालू कर रहे हैं और सच के लिए लड़ते रहेंगे।

रीवा से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने टैक्स पर टैक्स लिए जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति गाड़ी खरीदता है तो उसे गाड़ी खरीदने समय जीएसटी चुकाना पड़ता है। इसके बाद जब वह गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराता है तो फिर उसे जीएसटी और गाड़ी की कीमत दोनों पर ही टैक्स देना पड़ता है। इस तरह उसे डबल मार झेलनी पड़ती है। इसका विरोध भी हुआ तो सरकार ने डीलर्स को यह करके चुप कर दिया कि तुम्हारा क्या जाता है इस तरह की लूट बंद होनी चाहिए।

कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने कहा कि हर बजट में कफन का दाम बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहन योजना का पैसा नहीं बढ़ा, लेकिन जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना से जोड़ने की बात कही जा रही है। इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि आखिर यह किस आधार पर होगा। उन्होंने कहा कि एक और सरकार कहती कि हम कोई टैक्स नहीं लगा रहे हैं। दूसरी ओर नगरीय निकायों को कहा जाता है कि अपनी आय बढ़ाओ, टैक्स लगाओ।

बजट पर चर्चा के दौरान विधायक गोपाल भार्गव ने कहा कि पिछले सवा साल में बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश में एक भी किसान ने कर्ज और अन्य परिस्थितियों के कारण आत्महत्या नहीं की। एक दौर ऐसा भी था कि बिजली नहीं मिलती थी। आज ऐसी स्थिति नहीं है। प्रदेश में निशुल्क विद्युत प्रदाय के लिए 5 हजार 299 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। इसी दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भार्गव जी के पास 40 साल का अनुभव है। 40 साल में पहली बार आंकड़ों के साथ बात कर रहे हैं। भार्गव ने सदन में विभागवार किए गए बजट प्रावधान की जानकारी भी दी।

भोपाल के हुजूर से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने बीसीसीएल की बसों का मामला उठाया। शर्मा ने कहा कि भोपाल का विस्तार हो रहा है। ग्लोबल यूनिवर्सिटी भोपाल में आ रही हैं। 10-12 हजार मजदूर रोज भोपाल आते हैं। भोपाल के आसपास के जिलों में स्कूल-कॉलेज संचालित हो रहे हैं। विश्वविद्यालय चल रहे हैं। वहां बसें नहीं जातीं। भोजपुर में भी बसें नहीं जाती। पहले बसों के संचालन में जो अनियमितताएं हुई हैं, उनकी जांच के लिए समिति बनाई जाए। इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इसके लिए प्रमुख सचिव को जांच के लिए निर्देश दे दूंगा।

विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा वर्ष 2024-25 में 18,706 करोड़ 58 लाख 73 हजार 447 की अनुपूरक राशि के लिए प्रस्ताव दिया। इसके बाद अनुपूरक बजट चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। विधानसभा में मध्य प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 पारित किया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

रीवा का नाम समदड़िया शहर कर देना चाहिए

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक अभय मिश्रा ने सतना शहर के बीचों-बीच पॉलिटेक्निक की 8,91, 500 वर्गफीट जमीन समदड़िया बिल्डर को मात्र 121 करोड़ 93 लाख में देने का मामला उठाया। इस चर्चा के बीच कांग्रेस विधायक अजय सिंह राहुल ने कहा कि रीवा का एक-एक व्यक्ति कहता है कि अब रीवा का नाम समदड़िया शहर कर देना चाहिए। री-डायवर्सिफिकेशन में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जिस तरीके से समदड़िया ग्रुप को उपकृत किया जा रहा है, उस पर आपत्ति है।

भोपाल की बस्तियों को हटाने के मामले में हंगामा

कुछ समय पहले राजधानी भोपाल के मोती नगर और भदभदा की बस्तियों को बटाया गया था। इस मामले को लेकर कांग्रेस विधायक आतिफ अकील ने मामले में की गई कार्यवाही और मकान तोड़ने के बाद राशि नहीं देने को लेकर मुद्दा उठाया। इस दौरान हंगामे की स्थिति बन गई। विधायक चिंतामणि मालवीय ने कहा कि हटाए गए लोग सरकारी जमीन पर थे। इसलिए इसकी बात क्यों की जा रही है। इस पर आतिफ ने कहा कि यह गरीबों का मामला है, गरीबों के मामले में कोई बात नहीं सुनी जाती है। चिंतामणि ने फिर रोका तो आतिफ ने कहा कि सरकार के नियमों में प्रावधान है। उन्होंने कुछ और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद सदन में कुछ देर के लिए हंगामा की स्थिति बन गई।

विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने ओल्ड पेंशन का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है। उनके बुढ़ापे का सहारा ओल्ड पेंशन लागू होना चाहिए।

विधायक भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि 2024- 25 में जो बजट पेश हुआ था, उसमें कितनी राशि खर्च हुई है? कितना उपयोग हुआ? क्या हम इसको परखने का काम करते हैं। प्रति व्यक्ति आय के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को वास्तविकता पता लगनी चाहिए। 4000 से 6000 रुपये में लोग परिवार चला रहे हैं। हम प्रति व्यक्ति आय 1,52,000 बताते हैं। शेखावत ने कहा कि हम प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ बढ़ा रहे हैं। 50 लाख की गाड़ी खरीदने वाले से 25 लाख रुपए सरकार टैक्स ले देती है। सरकार कहती कि हम सड़कें बना रहे हैं। पुल बना रहे हैं। सुविधा दे रहे हैं। जनता की आंख मे धूल झोंक कर सरकार टैक्स पर टैक्स वसूल रही है।

विधायक अनिरुद्ध माधव मारू ने कहा कि उनके क्षेत्र में गांधी सागर बांध है। यहां 5000 मेगावाट बिजली जनरेट की जा सकती है। इसके लिए सिर्फ उसका टरबाइन बदलने की जरूरत है, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए सरकार को चाहिए कि डैम में लगे टरबाइन को बदल दिया जाए ताकि अधिक से अधिक बिजली जनरेट की जा सके मारू। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में संतरे की भी व्यापक पैदावार होती है। कुछ तकनीक का इस्तेमाल करके यहां संतरे का उत्पादन और अधिक बढ़ाया जा सकता है।

ग्वालियर ग्रामीण से कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर ने कैग रिपोर्ट में योजनाओं में गड़बड़ी के खुलासे पर कहा कि कैग की रिपोर्ट सही है। नल जल योजना में भ्रष्टाचार हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में नलों में पानी नहीं आ रहा है। सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। कैग रिपोर्ट में योजनाओं में गड़बड़ी के मामले में ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने कहा कि मप्र में भाजपा की सरकार में जिस प्रकार से गड़बड़ी उजागर हो रही है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भी बसों की जगह स्कूटरों-मोटरसाइकिलों के बिलों का भुगतान कर दिया गया। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, संबल योजना में भी भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। पूरा प्रदेश भ्रष्टाचार का अड्‌डा बन गया।

राजेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि ग्वालियर की जेसी मिल बहुत बड़ी मिल में शामिल थी। इसमें 16000 कर्मचारी थे। सियासी राजनीति के कारण इसका कनेक्शन काटा गया और मिल बंद हुई। इंदौर की हुकुमचंद मिल जब बंद हुई तो किसकी सरकार थी यह सबको पता है। उज्जैन की विनोद मिल बंद होने के गुनहगार हम जरूर हो सकते हैं, लेकिन उसके पीछे भी उसके सेठ और मालिक लोग जिम्मेदार हैं। इस पर सदन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जो भी कपड़ा मिलें बंद हुई थी, वह केंद्र सरकार के कारण बंद हुई थी। उन्होंने पॉलिसी बदल दी थी। इससे देश की कई मिलें बंद हुई थी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर