Home व्यंग्य भाजपा के पास किसानों के लिए पैसे नहीं है : प्रियंका गांधीभाजपा के पास किसानों के लिए पैसे नहीं है : प्रियंका गांधीबक बुड़बक विधायक है, चाय पर बवाल करेंगे हीअरे हमने तो बस सुना था, बिहार अपने आप में बवाल है, आप कहेगें वो कैसे तो अभी हाल ही में लालू के छोटे बेटे की ईसाई दुल्हनियां को लेकर लालू के साले साधु यादव ने जो बवाल मचाया है, वो देखते ही बन रहा. अजीराजद ने पटना वालों को सुनाई खरी खोटीराजद ने पटना वालों को सुनाई खरी खोटी, अब कमल पसन्द है तो कीचड़ भी तो पसन्द होगा ना?? बस पटना वालों ये समझो कि जो पटना आज टापू बना है ना उसके जिम्मेदार तुम ही लोग हो और खिलाओ कमल कमल खिलाने के लिए तो कपटना बना झीलों का शहरपटना बना झीलों का शहर. भैया अगर आप पटना के रहने वाले है और इस समय पटना में ही हैं तो बस वहीं रहिये. काहे से कि मौसम एकदम मस्त है और सड़कें भी लबालब हैं. कुल मिलाकर आप एकदम सही जगह पर हैं. स्विमिंग की मंत्री जी ने लिया किस, देना पड़ा इस्तीफ़ामंत्री जी ने लिया किस, देना पड़ा इस्तीफ़ा, भैया भविष्य में किसी को किस करें तो जरा सम्भल कर. काहे से इसके बदले आपको इस्तीफा देना पड़ सकता है. हल्के में न लीजिये. जो हल्के में लिए थे वो चले गए. ब्रिटेन कफिर हारे फाइनलल्यो फिर हार गए. ये न्यूजीलैंड वाले जब जब घर बुलाते हैं चीटिंग करते हैं. घर आये मेहमान की कोई ऐसे बेइज्जती करता है भला. अच्छा खासा चल रहा था लेकिन सब डिस्टर्ब कर दिए. कोहली एक अलग ही रिकॉर्ड बनाने मेखिसकी बोतल धड़ाम हुए शेयरखिसकी बोतल धड़ाम हुए शेयर, भैया रोनाल्डो ये क्या कर दिए??? ऐसा भी कोई करता है भला. बिना कुछ बोले, कुछ कहे अरबों खरबों स्वाहा कर दिए. ऐसी भी क्या दुश्मनी थी. सामने ही तो रखी थीं. अरे नहीं पीना था तो न झारखंड में चाय आजमा रहे हैं, कांग्रेसीझारखंड में चाय आजमा रहे हैं कांग्रेसी, जब से मोदी सरकार सत्ता में आयी है चाय का एकदम अलगै भोकाल है. सीधे मुँह बात नहीं कर रही. अच्छा पहले चाय कॉफ़ी के आगे खुद को कमजोर समझा करती थी. मतलब एक अलग ही किसदरकती खांग्रेस सरकती खांग्रेसदरकती खांग्रेस सरकती खांग्रेस, वैसे तो कोरोना ने सबको दिन में तारे दिखा रखे हैं लेकिन खांग्रेस की बात ही कुछ और है. दुर्दिन इनके ऊपर कुछ ज्यादा ही मेहरबान हैं. तारक मेहता वाले जेठालाल सी हालत हो गई हबारिश का मौसम और सड़को की दुर्दशाभैया बारिश का मौसम आ चुका है और इस मौसम में होती है धान की रोपाई. वैसे तो धान खेतों में रोपा जाता है. लेकिन भैया ये सुल्तानपुर है यहां लोग सड़कों पे ही धान रोपाई चालू कर दिए. अब मेनका मैडम का इलाका हैवैक्सीन बना रही मैग्नेट मैनवैक्सीन बना रही मैग्नेट मैन, बड़ा लोचा है. समझ भी चक्करघिन्नी हुई जा रही है. कोरोना वैक्सीन का भूत लोगों के दिमाग में ऐसा घुसा है कि जैसे ही पता चलता है कि कोई टीम टीका लगाने आयी है सब सिर पर पैर रखकेकोरोना माता और उनका मंदिरकोरोना माता और उनका मंदिर, आजकल कोरोना का हिसाब गड़बड़ाया पड़ा है. हँफ़नी चालू है. ऑक्सीजन लेवल भरभरा के नीचे चला गया है. महीने भर में अर्श से फर्श पे धड़ाम हो गया. लेकिन भैया ये चमत्कार हुआ कैसे. आखिर कौडांस के चक्कर में खाली लौटी बारातडांस के चक्कर में खाली लौटी बारात, भैया शादी बारात और डांस का जन्मों जन्मों का रिश्ता है. एक के बिना दूसरे को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता. बहुत याराना है दोनों में. और आजकल तो डीजे चल गया है. जब तक डीजे प्रेमिका से मिलने को प्रेमी बना दुल्हनप्रेमिका से मिलने को प्रेमी बना दुल्हन, तुमसे मिलने को दिल करता है रे बाबा तुमसे मिलने को दिल करता है ये गाना तो सब सुने ही होंगे. तो बस भैया जईसे इन सज्जन का दिल मिलने को कर रहा था वइसे ही ये साहब भजाँच और टीकाकरण में जबरदस्तीजाँच और टीकाकरण में जबरदस्ती, भैया कोरोना से बचना है तो दो ही उपाय हैं पहला ये कि जईसे ही कउनो लक्षण दिखे जाँच करवाएं औ दूसरा ये कि टीका लगवाएं वैसे हर चीज में जनता की मर्जी चले ये जरूरी थोड़े ही है. आयुर्वेद बनाम एलोपैथदेश में एक नए तरह का युद्ध चल रहा है. एलोपैथ और आयुर्वेद गुत्थमगुत्था हुए पड़े है. तू तू मैं मैं चरम पे है. पीछे हटने को कोई तैयार नहीं है. बाबा रामदेव न जाने कौन सा योगासन कर बैठे हैं कि रोज एलोपैथ कथप्पड़मार अधिकारीहमारे देश में कुछ अधिकारी बहुत कर्तव्य परायण हैं. कोई जरा सा भी नियम तोड़े तो बौखला उठते हैं. एक साहेब छत्तीसगढ़ में मोर्चा संभाले हैं तो दूसरी मैडम पड़ोस के एमपी में किला संभाले हैं. ऐसे ही अधिकारियों फिर लौटी टूलकिटफिर लौटी टूलकिट, बीते एक साल में कुछ हुआ हो या न हुआ हो लेकिन लोगों के शब्दकोश ने खूब तरक्की की है. ऐसे नये नये और क्लिष्ट शब्द सीखे हैं कि पूछिए मत. अभी नई वाली टूलकिट से कुछ ही दिन पहले सबका परिचय वरमाला पहन के भागा दूल्हावरमाला पहन के भागा दूल्हा, मौसम शादियों का है. अपने यहां की शादियों में भी अजीबोगरीब किस्से होते ही रहते हैं. बात जब कानपुर की हो तो फिर कहना ही क्या. बात कुछ यूँ है कि जिले के महाराजपुर क्षेत्र में लखनऊ में कोरोना कर्फ्यू और अय्याशी कोरोना कर्फ्यू और अय्याशी, भैया अब जिंदगी का कउनो ठिकाना नहीं रहा. पता चला कि रात में ठीक ठाक सोये और सुबह उठने से पहिले ही उठ लिए. क्या पता कोरोना कब किसका टिकट काट दे. अईसे में ये जरूरी हो जाता है Previous12345Next Trending News बैंकों के एटीएम निकासी शुल्क को महंगा किए जाने की खरगे ने की आलोचना आज का इतिहास 30 मार्चः रॉलेट एक्ट के विरोध की घोषणा उत्तर पश्चिम जिले में हत्या के मामले में तीन गिरफ्तार आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण की विरासत देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी: राष्ट्रपति भूकंप त्रासदीः प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बातचीत की प्रयागराज में एयरफोर्स इंजीनियर की गोली मारकर हत्या You May Like बैंकों के एटीएम निकासी शुल्क को महंगा किए जाने की खरगे ने की आलोचना VocalTV Deskराष्ट्रीय आज का इतिहास 30 मार्चः रॉलेट एक्ट के विरोध की घोषणा VocalTV Deskराष्ट्रीय उत्तर पश्चिम जिले में हत्या के मामले में तीन गिरफ्तार VocalTV Deskएन सी आर आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण की विरासत देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी: राष्ट्रपति VocalTV Deskराष्ट्रीय भूकंप त्रासदीः प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बातचीत की VocalTV Deskराष्ट्रीय प्रयागराज में एयरफोर्स इंजीनियर की गोली मारकर हत्या VocalTV Deskअपराध