आर्सा नेता अता उल्लाह समेत 10 गिरफ्तार, सात को 10 दिन की रिमांड पर भेजा गया

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ढाका, 18 मार्च (हि.स.)। बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ने सोमवार रात को गुप्त अभियान चलाकर अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए - आर्सा) के प्रमुख अता उल्लाह अबू अम्मार जुनूनी सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी सिद्धिरगंज, नारायणगंज और मयमनसिंह में किए गए अभियानों के दौरान हुई। आतंकवादी गतिविधियों और अवैध रूप से बांग्लादेश में प्रवेश करने के आरोप में अता उल्लाह सहित सात लोगों को 10 दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया है।

आरएबी के अनुसार, सोमवार रात सिद्धिरगंज के भूमि पल्ली इलाके में एक गुप्त बैठक के दौरान छह लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य चार को मयमनसिंह से पकड़ा गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में अता उल्लाह (48), मोस्ताक अहमद (66), सलीमुल्लाह (27), मोनिरुज्जमान (24), असमत उल्लाह (40), मोहम्मद हसन (43), असमाउल होस्ना (23), शाहिना अख्तर (22), एक 15 वर्षीय लड़का और 17 वर्षीय लड़की शामिल हैं।

आरएबी-11 के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल एएचएम सज्जाद हुसैन ने इन गिरफ्तारियों की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अता उल्लाह और अन्य आरोपितों पर बांग्लादेश में अवैध प्रवेश और आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के गंभीर आरोप हैं। सभी आरोपितों को सिद्धिरगंज पुलिस स्टेशन ले जाया गया और फिर उन्हें नारायणगंज जिला अदालत में पेश किया गया।

अता उल्लाह अबू अम्मार जुनूनी पर प्रमुख रोहिंग्या नेता मुहीबुल्लाह की हत्या का आदेश देने का आरोप है। इससे पहले गिरफ्तार किए गए संदिग्धों ने इस हत्या के पीछे अता उल्लाह का नाम लिया था। इसके अलावा, बांग्लादेश के डीजीएफआई अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर रिज़वान रश्दी की हत्या में भी अता उल्लाह का नाम सामने आया है। यह हत्या बंदरबन के तुम्ब्रू सीमा क्षेत्र में एक संयुक्त मादक पदार्थ विरोधी अभियान के दौरान हुई थी।

मंगलवार को सभी सात मुख्य आरोपितों को अदालत में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने प्रत्येक मामले में पांच दिनों की रिमांड देते हुए कुल 10 दिनों की पुलिस हिरासत की मंजूरी दी। कोर्ट इंस्पेक्टर क़य्यूम खान ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ अवैध घुसपैठ और आतंकवाद से संबंधित आरोप लगाए गए हैं।

गिरफ्तार तीन महिलाओं और एक किशोर को भी उसी आरोप में जेल भेज दिया गया है। मामले की विस्तृत जांच जारी है, और पुलिस को इस गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश है।

बांग्लादेश सरकार इस अभियान के जरिए आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, और सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में और भी गिरफ्तारियां कर सकती हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय