35 हजार का इनामी तस्कर गिरफ्तार

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35 हजार का इनामी तस्कर गिरफ्तार


जोधपुर, 18 मार्च (हि.स.)। जोधपुर रेंज की साइक्लोनर पुलिस ने एक और सफलता हासिल कर 35 हजार के इनामी तस्कर को गिरफ्तार किया है। वह मादक पदार्थ तस्करी का मुख्य सूत्रधार रहा है। वह जोधपुर रेंज के साथ स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की रडार पर था। पकड़े गए अभियुक्त से अब पूछताछ चल रही है।

जोधपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि लम्बी लुकाछिपी के बाद मादक द्रव्यों की तस्करी में बड़े सुत्रधार रूपाराम पुत्र खींयाराम निवासी सामराऊ, जाखड़ों की ढाणी जोधपुर ग्रामीण को पकडऩे में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। आरोपित आठ साल से पुलिस की आंखों में धूल झोंकता फरार चल रहा था। करीब आधा दर्जन प्रकरण राज्य के विभिन्न जिलों में दर्ज पाये गये है।

आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपित रूपाराम 35,000 रुपये का इनामी है. जिसमें 25 हजार रुपये का इनाम पाली जिले से एवं 10 हजार रुपये का इनाम भीलवाड़ा जिला में बताया जाता है। वह एसओजी के रडार पर भी रह चुका है तथा एसओजी ने भी उसके खिलाफ दो प्रकरण मादक द्रव्यों की तस्करी के बड़े खेपों के है। आरोपी का 15 साल का लम्बा तस्करी का सफर रहा है।

आईजी विकास कुमार ने बताया कि शातिर रूपाराम लगातार मादक द्रव्यों की तस्करी करता रहा, लेकिन इतना चतुराई से धन्धा चलाता कि पुलिस को जल्दी भनक तक नही लगती थी, तभी मात्र आधा दर्जन प्रकरणों में ही नामजद हो पाया। उसके खिलाफ पहला प्रकरण वर्ष 2010 में चित्तोडग़ढ़ जिले में दर्ज हुआ, चित्तोडग़ढ़ एस.ओ.जी. पाली, भीलवाड़ा इत्यादि जिलों में भी मुकदमें दर्ज होते गये।

आरोपी रूपाराम सूत्रधार बनकर बड़े बड़े हाथ मारने का शौकीन रह चुका जो पूर्व में दो बार जेल की हवा पहले खा चुका है। मादक द्रव्यों की बड़ी खेपें चित्तौड़, मध्यप्रदेश से मंगवाकर स्थानीय तस्करों को आपूर्ति करता था। दर्ज प्रकरणों में क्विंटलों में डोडा चूरा एवं कई-कई किलोग्राम अफीम बरामद हो चुकी है। रूपाराम अति महत्वकांक्षी उर्जावान रहा है। उसका 10वीं कक्षा तक पढ़ाई कर मन उचट गया। बाद में तरह-तरह के कामधन्धे किए। कभी पिता के पास रहकर खेती की, कभी ठकेदार बनकर भवन निर्माण किया। कभी बीकानेर, कभी सोलर प्लांट में महाराष्ट्र्र में नौकरी की पर मेहनत से कमाए चन्द रूपयों के पेट की मुख तो शान्त होती रही, पर मन की महत्वकांक्षा हिलोरे भरती रही तथा दिमाग कुलबुलाता रहा। वह जल्दी अमीर बनना चाहता था। वह दिखने का कभी ढाबा, कभी ट्रक ड्राईवरी करता रहा पर हकीकत में उसकी आड़ में मादक द्रव्यों की तस्करी करता रहा।

यूं आया पकड़ में , गाड़ी में बीमार बन कर सीट पर पड़ा रहा :

आईजी विकास कुमार ने बताया कि योजना के तहत रूपाराम ने अपने गांव के निकटवर्ती क्षेत्र से दो चेलों को गाडी सहित इन्दोर महाकाल दर्शन करने के नाम पर चित्तोडग़ढ़ बुलाया तथा उसी गाड़ी में पिछली सीट पर बीमार बनकर लेट कर गांव आने लगा। रूपाराम का मानना था कि पुलिस का मुख्य शक ड्राइवर व आगे की सीट पर ही रहता है, तो अगर वह बीमार बनकर पिछली सीट पर पड़ा रहेगा तो किसी को शक नहीं होगा किसी पर विश्वास न करने वाला रूपाराम आखिरकार अपने ही विश्वस्त पर विश्वास कर जाल में फंस गया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश