नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत और गुमनामी बाबा का कनेक्शन
Dec 24, 2022, 18:52 IST
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अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेने वाले, आजादी के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत को लेकर आज भी लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल पनपते रहते है, लोगों के मन में आज भी एक सवाल कुरेदता रहता है कि आखिर उनकी मौत का सच क्या है. ये बात 18 अगस्त साल 1945 की है. जापान दूसरा विश्व युद्ध हार चुका था. अंग्रेजी हुकूमत नेताजी के पीछे पड़े हुए थे. इसे देखते हुए नेताजी ने रूस से अपनी सुरक्षा की मदद मांगने का मन बनाया। साल 1945 के 18 अगस्त को उन्होंने मंचूरिया की तरफ उड़ान भरी। जिसके बाद किसी को फिर वो दिखाई नहीं दिए. 5 दिन बाद टोक्यो की रेडियो ने जानकारी दी कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिस प्लेन से जा रहे थे, वो ताइवान के ताइहोकू हवाई अड्डे के पास क्रैश हो गया. इस हादसे में नेताजी काफी बुरी तरह से जल गए. जिसके बाद ताइहोकू सैनिक हॉस्पिटल में उनको भर्ती कराया गया जहाँ उनका निधन हो गया. नेताजी के साथ विमान में सवार बाकी लोग भी विमान हादसे में मारे गए. कहा जाता है कि आज भी नेता जी की अस्थियां टोक्यो के रैंकोजी मंदिर में सुरक्षित रखी हुई हैं. गौरतलब है कि नेताजी के मौत के 77 साल बाद भी नेताजी की मौत रहस्य बनी हुई है. नेता जी की मौत का सच जानने के लिए 3 कमेटियां बनीं हुई थी. दो कमेटियों ने कहा- नेताजी की मौत प्लेन हादसे में हुई. साल 1999 में तीसरे की रिपोर्ट में जिक्र था कि ताइवान सरकार द्वारा कहा गया कि 1945 में कोई प्लेन क्रैश की दुर्घटना ही नहीं हुई. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया कि प्लेन क्रैश का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. हालांकि सरकार ने इस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया.