पंद्रह सौ करोड़ चुकता कर ऋण मुक्त हुआ जीडीए, उपाध्यक्ष के नेतृत्व में 2024-25 में रचा नया कीर्तिमान

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पंद्रह सौ करोड़ चुकता कर ऋण मुक्त हुआ जीडीए, उपाध्यक्ष के नेतृत्व में 2024-25 में रचा नया कीर्तिमान


पंद्रह सौ करोड़ चुकता कर ऋण मुक्त हुआ जीडीए, उपाध्यक्ष के नेतृत्व में 2024-25 में रचा नया कीर्तिमान


गाजियाबाद, 1 अप्रैल (हि.स.)। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष अतुल वत्स के नेतृत्व में वित्तीय वर्ष 2024-25 में जीडीए ने नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। जीडीए ने 15 सौ करोड़ का कर्ज चुकता कर पूरी तरह से ऋण मुक्त हो गया।

जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 2016 से 2020 के बीच एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से 700 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2018-19 के दौरान इंडियन बैंक से मधुबन बापूधाम योजना के लिए 800 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था। इस ऋण के कारण जीडीए को अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में खर्च करना पड़ता था। लेकिन वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए, ग़ाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण ने 1294 करोड़ रुपये के निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले लगभग 1600 करोड़ रुपये की आय अर्जित की।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी विस्तार योजना के तहत हरनंदीपुरम योजना के लिए 400 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। मास्टर प्लान एवं मानचित्र अनुभाग से 450 करोड़ रुपये की आय हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 40प्रतिशत अधिक है। संपत्तियों की बिक्री से 350 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 40प्रतिशत अधिक है। शमन शुल्क के रूप में लगभग 390 करोड़ रुपये की आय हुई। ग़ाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा हरनंदीपुरम योजना के तहत भूमि खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई है। हाल ही में, ग़ाज़ियाबाद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति ने भूमि खरीद की दर को निर्धारित किया है, जो संबंधित सर्कल रेट से चार गुना अधिक होगी।

उन्होंने कहा कि इन उल्लेखनीय वित्तीय सुधारों के चलते, ग़ाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण ने 800 करोड़ रुपये के मधुबन बापूधाम ऋण को पूर्ण रूप से चुकता कर दिया है। साथ ही, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के 700 करोड़ रुपये के ऋण के विरुद्ध सभी दायित्वों को समाप्त करते हुए 165 करोड़ रुपये के शेष भुगतान की सुरक्षा हेतु 300 करोड़ रुपये की एफडीआर भी जमा कर दी है।

आगामी वित्तीय वर्ष में जीडीए ने 3000 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा है, जिसमें से 1800 करोड़ रुपये को पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) में निवेश किया जाएगा। शहर के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न प्रमुख योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। राजनगर एक्सटेंशन में 60 करोड़ रुपये की लागत से चार प्रमुख सड़कें निर्माणाधीन हैं। मधुबन बापूधाम में रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) निर्माण कार्य प्रगति पर है। इंदिरापुरम में 15 करोड़ रुपये की लागत से संस्कृत दर्शन पार्क एवं ग्रीन वुड पार्क का निर्माण प्रस्तावित है। कोयल एन्क्लेव योजना के अंतर्गत रामायण आधारित थीम पार्क का भी प्रस्ताव है।

ग़ाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण की यह अभूतपूर्व उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि सही नेतृत्व और वित्तीय अनुशासन के माध्यम से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। प्राधिकरण न केवल ऋण मुक्त हुआ है, बल्कि अब नई योजनाओं जैसे हरनन्दीपुरम को गति देने और शहरवासियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जीडीए की यह सफलता शहर के सुनहरे भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली