बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की घुसपैठ की कोशिश, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
आतंकी संगठन जेएमबी और एचयूटी के सदस्य भारतीय सीमा में घुसपैठ के प्रयास में
कोलकाता, 24 मार्च (हि.स.) ।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास स्थित गांवों में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। खुफिया सूत्रों से मिले इनपुट के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसमें बताया गया है कि बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के सदस्य भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, जेएमबी और एचयूटी के कई सक्रिय सदस्य बांग्लादेश के राजशाही और चपाई नवाबगंज जिलों से छोटे समूहों में मुर्शिदाबाद के रास्ते भारतीय सीमा में प्रवेश करने की योजना बना रहे हैं। इनका मकसद यहां पहले से मौजूद स्लीपर सेल को फिर से सक्रिय करना है। खुफिया एजेंसियों को इन आतंकी संगठनों के खिलाफ इनपुट तब मिला, जब सीमा पार से कुछ संदिग्ध इंटरनेट चैटिंग और संचार को ट्रैक किया गया। जांच में सामने आया है कि जेएमबी और एचयूटी के सदस्य मुर्शिदाबाद में अपने स्थानीय संपर्कों के साथ इंटरनेट के जरिए संपर्क में थे। इन स्थानीय संपर्कों में से कुछ 'खारिजी' (गैर-मान्यता प्राप्त) मदरसों से जुड़े हैं, जो भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित गांवों में संचालित हो रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इन संगठनों का मकसद न केवल स्लीपर सेल को सक्रिय करना है, बल्कि इन मदरसों के शिक्षकों के जरिए नए आतंकियों की भर्ती करना भी है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी इस खतरे की जानकारी दी गई है, साथ ही मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा से सटे गांवों के मकान मालिकों को सख्त निर्देश दिया है कि वे किसी भी बाहरी व्यक्ति को किराए पर कमरा देने से पहले उसकी पहचान की अच्छी तरह से जांच करें और नए किरायेदारों की सूचना स्थानीय पुलिस को दें।
शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा भी बढ़ाई गई
कुछ महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा को लेकर भी अलर्ट जारी किया था। खुफिया इनपुट में यह खुलासा हुआ था कि जेएमबी और एचयूटी के आतंकियों के निशाने पर शुभेंदु अधिकारी भी हैं। नवंबर 2024 तक शुभेंदु अधिकारी को सिर्फ पश्चिम बंगाल में 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन खतरे को देखते हुए अब उन्हें पूरे भारत में 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर