कनिष्ठ अभियंता पेपर लीक मामले में तृतीय श्रेणी अध्यापक बर्खास्त

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कनिष्ठ अभियंता पेपर लीक मामले में तृतीय श्रेणी अध्यापक बर्खास्त


जयपुर, 26 मार्च (हि.स.)। राजस्थान में शिक्षा विभाग ने कनिष्ठ अभियंता (जेईएन) भर्ती परीक्षा 2020 के पेपर लीक प्रकरण में संलिप्त पाए जाने पर तृतीय श्रेणी अध्यापक राजेन्द्र कुमार यादव को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यादव, जयपुर के शहीद मेजर दिग्विजय सिंह सुमाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, खातीपुरा में कार्यरत था।

विशेष अनुसंधान दल (एसओजी) की जांच में सामने आया कि आरोपी शिक्षक राजेन्द्र कुमार यादव, कुख्यात जगदीश विश्नोई गैंग का सक्रिय सदस्य था। इस गिरोह ने संगठित रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कर अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ पहुँचाने का कार्य किया। एसओजी ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है।

जांच के अनुसार, कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा 2020 के दौरान, अभियुक्त जगदीश विश्नोई ने यूनिक भाम्बू उर्फ पंकज चौधरी और शिवरतन मोट के साथ मिलकर इस षड्यंत्र को अंजाम दिया। परीक्षा प्रभारी होने के नाते, राजेन्द्र कुमार यादव को परीक्षा संबंधी गोपनीय सूचनाओं की पूरी जानकारी थी। उसने अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए परीक्षा के स्ट्रॉन्ग रूम में रखे पेपर की मोबाइल से तस्वीरें खींची और उन्हें गिरोह के अन्य सदस्यों को भेज दिया। इस लीक किए गए प्रश्नपत्र को परीक्षार्थियों तक पहुँचाया गया, जिससे परीक्षा में पारदर्शिता भंग हुई और इसे रद्द करना पड़ा।

एसओजी की जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी यादव पहले भी उप-निरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक करने में शामिल था। इस षड्यंत्र में उसके सहयोगी यूनिक भाम्बू उर्फ पंकज चौधरी, शिवरतन मोट और राजेश खण्डेलवाल शामिल थे।

यादव ने अपने बेटे सिद्धार्थ को भी परीक्षा से पहले सॉल्वड पेपर पढ़ाया, जिससे वह पीडब्ल्यूडी में जेईएन के पद पर चयनित हुआ। इतना ही नहीं, उसकी बहू विनिता को भी फर्स्ट ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर पहले से उपलब्ध करवा दिया गया था, जिससे उसका चयन महारानी स्कूल में शिक्षक पद पर हुआ।

जब यह मामला सुर्खियों में आया, तो आरोपी ने अपने बेटे सिद्धार्थ को उप-निरीक्षक पद की जॉइनिंग न करने की सलाह दी। इसका मुख्य कारण यह था कि उप-निरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक प्रकरण अखबारों में प्रकाशित हुआ था और इसके चलते यादव को अपने बेटे पर शक था कि कहीं वह भी जांच के दायरे में न आ जाए।

राजस्थान सरकार और शिक्षा विभाग ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए आरोपी को तत्काल सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा, अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच जारी है। एसओजी द्वारा इस मामले में आगे की जांच जारी है और अन्य संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश