लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनसेवक बनकर कार्य करें युवा उद्यमी व प्रोफेशनल्सः डॉ. मोहन यादव

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लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनसेवक बनकर कार्य करें युवा उद्यमी व प्रोफेशनल्सः डॉ. मोहन यादव


लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनसेवक बनकर कार्य करें युवा उद्यमी व प्रोफेशनल्सः डॉ. मोहन यादव


- भाजपा कार्यालय में ‘आईएम बीजेपी फ्यूचर फोर्स’ के दो दिवसीय बूट कैंप का शुभारंभ

भोपाल, 29 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि एक हजार साल की गुलामी के बाद वर्ष 1947 में देश आजाद हुआ और देश की जनता के पैसे से सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया, लेकिन एक समुदाय विशेष के वोट के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मंदिर का उद्घाटन करने से इंकार कर दिया। नेहरूजी ने वोट के लिए देश के नैतिक मूल्यों व सनातन संस्कृति को किनारे किया था। आप सभी उद्यमी लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनसेवक बनकर कार्य करें। जिलों के विकास को और अच्छे तरीके से सुनिश्चित करने के लिए जिलों में गठित विकास समितियों में उद्यमियों व प्रोफेशनल्स को भी जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में ‘‘आईएम बीजेपी फ्यूचर फोर्स‘‘ के दो दिवसीय बूट कैंप का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने भी संबोधित किया।

प्रधानमंत्री विक्रमादित्य की तरह कर रहे जनता की सेवा का कार्य

उन्होंने कहा कि पहले के समय में राजा होते थे। शासन एक व्यक्ति के हाथ में होता था, राजा को हरा दिया तो पूरे देश पर कब्जा हो जाता था। गुलाम होने से पहले भारत के अंतिम सम्राट पृथ्वीराज चौहान थे, लेकिन इसके पहले का शासन तंत्र बहुत अच्छा था। भगवान श्रीकृष्ण और सम्राट विक्रमादित्य की कार्य प्रणाली से शासन व्यवस्था को समझा जा सकता है। भगवान श्रीकृष्ण ने किसी राज्य पर कब्जा नहीं किया, दुष्टों का संहार करने के बाद सत्ता दूसरे लोगों को सौंपते चले गए। इसी तरह सम्राट विक्रमादित्य ने अपने शासन में नवरत्न बनाए थे। इन्हीं नवरत्नों को जनता की सेवा के लिए नियुक्त कर दिया था। विक्रमादित्य सम्राट होते हुए कभी राजा या सम्राट कहलाना पसंद नहीं करते थे, वे जनता का सेवक ही कहलाना पदस्थ करते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विक्रमादित्य की तरह जनता की सेवा कर रहे हैं और खुद को जनता का सेवक मानते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप गुलामी क्यों और कैसे मिली यह नहीं समझेंगे, तब तक सच्चे अर्थों में आजादी का महत्व समझ में कम आएगा। आक्रांतों ने जनता पर शासन किया और भारत को लूटकर चले गए। लोकतंत्र की सच्ची ताकत जनता के पास होनी चाहिए। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए राजनीति से परिवारवाद को समाप्त करने और एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाने का आह्वान किया है, जिसके परिवार अभी राजनीति में नहीं हैं। नेहरूजी ने सोमनाथ मंदिर जाने से इंकार कर दिया था, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने सोमनाथ मंदिर जाकर उसका उद्घाटन किया। कांग्रेस और उसकी पार्टी के नेता राम मंदिर का विरोध कर रहे थे, जब भव्य राम मंदिर का निर्माण हो गया तो उनके दर्शन करने आज तक नहीं पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता की ताकत सुनीतियों के बल पर होती है, मध्य प्रदेश में 2003 से पहले कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन प्रदेश के विकास के लिए कोई कार्य नहीं किया गया। 2003 में जब भाजपा की सरकार बनी, तब प्रदेश की औद्योगिक विकास दर 0.02 प्रतिशत के करीब थी। भाजपा ने कल्याणकारी नीतियों के कारण मध्य प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में लाकर खड़ा कर दिया है। वर्तमान में मध्य प्रदेश की औद्योगिक विकास दर 12 प्रतिशत पहुंच गई है। प्रधानमंत्री मोदी देश की राजनीति से परिवारवाद को समाप्त करने के लिए एक लाख प्रोफेशनल्स, उद्यमियों और अलग-अलग क्षेत्र के प्रतिभावान लोगों, एंटरप्रेन्योर को राजनीति में लाने का आह्वान इसीलिए किया है कि आप लोग अपने-अपने क्षेत्र के जानकार व महारथी हैं। देश और प्रदेश के विकास में नीतियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। आप सभी अपने-अपने क्षेत्र के विकास के लिए बनाई जाने वाली नीतियों में महत्वपूर्ण सुझाव देंगे और नीतियों को बनाने में अपनी भूमिका निभाएंगे, जिससे देश और प्रदेश आगे बढ़ेगा और 2047 तक भारत को विश्व गुरू बनाने का सपना साकार होगा।

मोदी की चाहते हैं-नीति निर्माण प्रक्रिया में शामिल हों यंग प्रोफेशनल्सः शर्मा

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने बूट कैंप में विभिन्न क्षेत्रों के प्रोफेशनल, इंटेलेक्चुअल युवाओं का स्वागत करते हुए कहा कि शिकागो की धर्मसभा में स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि आप मुझे मेरे जैसे 100 युवा दें, मैं सारी दुनिया को बदल दूंगा। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से जब युवाओं ने पूछा कि राजनीति गुंडाइज्म, धनबल, बाहुबल की पर्याय बन गई है, इस स्थिति को कैसे बदला जा सकता है? तब डॉ. कलाम ने जवाब दिया था कि जब तक आपके जैसे युवा राजनीति में नहीं आएंगे, तब तक वही पुराने लोग राजनीति चलाते रहेंगे और यही सब चलता रहेगा। इन्हीं महापुरुषों की बात को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि मैं अलग-अलग क्षेत्रों के ऐसे एक लाख युवा प्रोफेशनल्स, इंटेलेक्चुअल्स को जनप्रतिनिधि के तौर पर देखना चाहता हूं, जिनके परिवार की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि न रही हो। युवा प्रोफशनल्स को शासन और नीति निर्माण की प्रक्रिया में शामिल करने के प्रयास के रूप में ही इस बूट कैंप का आयोजन किया गया है।

शर्मा ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोदी ने देश की राजनीति का परिदृश्य बदल दिया। भारत को लोग एक गंदगी वाले देश के रूप में जानते थे। लेकिन प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान शुरू किया। उन्होंने इस अभियान के साथ जिस तरह देश के जन-जन को जोड़ा, उससे आज ये पूरे देश का अभियान बन चुका है। पहले की सरकारें गरीबी हटाओ के नारे लगाती थीं, लेकिन इसके लिए करती कुछ नहीं थीं। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए, जिनकी बदौलत आज देश के 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं। प्रतिभाएं कहीं भी हों, प्रधानमंत्री उन्हें खोज निकालते हैं। प्रधानमंत्री युवाओं, इटेलेक्चुअल्स और प्रोफेशनल्स को राजनीति, शासन और नीति निर्माण की प्रक्रिया में शामिल करना चाहते हैं। कई प्रोफेशनल्स ने अपने आपको साबित भी किया है। देश के टॉप ब्यूरोक्रेट अश्विनी वैष्णव आज रेल मंत्री हैं। एस. जयशंकर के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति सारी दुनिया में अपना लोहा मनवा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर