गरीब कैदियों के लिए केंद्र की वित्तीय सहायता योजना को बहुत कम लोग अपना रहे

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नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। देश की तमाम जेलों में बंद गरीब कैदियों को जुर्माना राशि और जमानत के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 20 करोड़ रुपये आवंटित करती है। हालांकि सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 2023 में योजना के शुरू होने से लेकर आज तक 12 राज्यों ने केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) खाते से महज 22,84,451 रुपये की धनराशि ही निकाली है।

गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने बुधवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि गृह मंत्रालय ने वर्ष 2023 में गरीब कैदियों की सहायता के लिए योजना शुरू की थी। योजना के कार्यान्वयन के लिए 19 जून 2023 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विस्तृत दिशा-निर्देश और मानक संचालन प्रक्रिया को साझा किया गया था।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने इस योजना के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24, 2024-25 और 2025-26 के लिए 20-20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। इसका उद्देश्य उन गरीब कैदियों को राहत प्रदान करना है, जो जुर्माना न चुका पाने या जमानत पर रिहाई के लिए बांड प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं।

गृह राज्य मंत्री ने बताया कि केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) खाते के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को धनराशि उपलब्ध कराई गई और उन्हें सीएनए खाते से धनराशि निकालने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि आज तक 12 राज्यों ने सीएनए खाते से 22,84,451 रुपये की धनराशि निकाली है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार