पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे से मालदीव के बौखलाहट की क्या है, असली वजह
कहते हैं जब इंसान की बुद्धि भ्रष्ट होती है तो जो आपका सबसे बड़ा मददगार होता है उसे ही आप भला बुरा कहने लगते हैं. कुछ ऐसा ही हाल हुआ है. भारत के पड़ोसी देश मालदीव का जहां कि नई सरकार इन दिनों चीन प्रेम में इस कदर अंधी हो चुकी है कि वह अपने सबसे बड़े मददगार पड़ोसी भारत के खिलाफ ही काम कर रही है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव का इलाज कर दिया है. प्रधानमंत्री ने मालदीव्स का इलाज कैसे किया इसके लिए आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 4 जनवरी की तस्वीर दिखाते हैं. जब वह लक्षद्वीप गए थे वहां प्रधानमंत्री मोदी बीच पर गए थे वहां काफी देर तक सुकून के पल बिताए. बीच पर टहलते हुए दुनिया को लक्षद्वीप का प्राकृतिक सौंदर्य दिखाया. समंदर में स्कूबा डाइविंग स्नोक इंग भी की और एडवेंचर टूरिजम करने वालों को लक्षद्वीप आने के लिए प्रेरित किया. उस दिन प्रधानमंत्री लक्षद्वीप में सिर्फ पर्यटन करने नहीं पहुंचे थे बल्कि उनके उस दौरे के पीछे बड़ा कूटनीतिक मकसद था.
लक्षद्वीपकी यात्रा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 754 किमी दूर भारत के समुद्री पड़ोसी देश मालदीव को एक कूटनीतिक जवाब दिया था. यह जवाब था कि अब बीच पर घूमना हो तो मालदीव्स को भूल जाइए. अब बीच पर्यटन के लिए भारत के ही लक्ष्यद्वीप पर घूमने के लिए आइए मालदीव के खिलाफ अभियान में पीएम मोदी के साथ कौन-कौन शामिल है. अब जरा इसकी भी लिस्ट देख लीजिए. प्रधानमंत्री के साथ शामिल हैं अभिनेता अक्षय कुमार सलमान खान जॉन अब्राहम अभिनेत्री श्रद्धा कपूर पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी उससे जुड़ गए हैं.
इन सभी ने मालदीव्स की जगह भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने की अपील की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस मुहिम का असर यह हुआ है कि आज सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालदीव्स ट्रेंड करने लगा लोगों ने एक्सप्लोर इंडियन आइलैंड्स की मोहिम चला दी. जो लोग मालदीव जाने की प्लानिंग कर रहे थे, उन्होंने अपना मन बदल लिया. जो भारतीय पर्यटक बीचेस पर घूमने के लिए मालदीव जाने की प्लानिंग कर रहे थे वो अब लक्षद्वीप का प्लान बनाने लगे हैं.
भारतीयों ने मालदीव यात्रा की टिकट बुकिंग कैंसिल करवानी शुरू कर दी है. लक्षद्वीप में पर्यटन को अब फिल्मी सितारे भी प्रमोट करने लगे हैं फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार सलमान खान जॉन अब्राहम कह रहे हैं कि अब मालदीव नहीं लक्षद्वीप में घूमने के लिए आए वहीं पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी भारत के तटीय इलाकों में घूमने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं. इन सारी अपील का असर यह होगा कि पिछले साल भारत से जो 13000 पर्यटक मालदीव गए थे यह आंकड़ा आधा भी हो गया तो मालदीव पर आर्थिक चोट पहुंचने तय है.
प्रधानमंत्री जी ने जो लक्ष्यद्वीप यात्रा की उससे देश दुनिया सबको परिचित कराया कि भारत में कितने सुंदर स्थल हैं और जो समुद्र के किनारे जिन लोगों को जाने का शौक है. बीच पर चलने का शौक है उस सब के लिए भी बहुत सारे स्थान भारत में है. मालदीप है तो लक्षद्वीप भी है. बहुत नजदीक है एंडम भी है और हिमालय की ऊंचाई भी है और हिमाचल प्रदेश से लेकर ले लद्दाख भी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील का असर शुरू हुआ तो मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुजू की सरकार के कई मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी और भारत के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां शुरू कर दी थी. मोजू सरकार में मंत्री मरियम शिवना माल, शह शरीफ हसन सहान और मजूम माजिद ने सोशल मीडिया पर भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जहर उगला इनके अलावा मोजू सरकार के बड़े-बड़े अधिकारी भी भारत विरोधी बयान दे रहे थे. ऐसा लग रहा था कि भारत के खिलाफ बयानबाजी के लिए कोई खास टूल किट अपनाई गई थी. सवाल है कि क्या मालदीव के मंत्रियों ने पीएम मोदी के खिलाफ जो बयानबाजी की थी उसके पीछे चीन था. क्या मालदीव्स के अधिकारियों का बयान चीन के इशारे पर था भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी पर भारत ने मालदीव के सामने कड़ी आपत्ति जताई. डिप्लोमेटिक स्तर पर भारत ने मालदीव सरकार के सामने ऐसे मंत्रियों की बयानबाजी का मुद्दा उठाया जिसके बाद मालदीव को भारत की ताकत के आगे घुटने टेकने पड़े और मालदीव की मोजू सरकार ने तीन मंत्रियों को जिन्होंने बयानबाजी की थी उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया. जिन लोगों को बर्खास्त किया गया उनमें मरियम शिवना, मा शरीफ और मजूम माजिम का नाम शामिल है. इसके अलावा ऐसे अधिकारी जिन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी की थी उन्हें भी बर्खास्त कर दिया गया. दरअसल मालदीव्स के राष्ट्रपति यह समझ गए अगर भारत को नाराज कर दिया तो उनका देश आर्थिक संकट में आ जाएगा. इसलिए मोजू सरकार ने मंत्रियों अफसरों को बर्खास्त किया लक्षद्वीप की सुंदरता को शब्दों में समेटना बहुत मुश्किल है. जो लोग दुनिया के अलग-अलग देशों के द्वीपों को देखने जाना चाहते हैं वहां के समंदर से अभिभूत है. उनसे मेरा आग्रह है वो पहले लक्षद्वीप आकर जरूर देखें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे की इन तस्वीरों से पड़ोसी देश मालदीव जल रहा है. प्रधानमंत्री मोदी 4 जनवरी को लक्षद्वीप के बीच पर गए थे तब प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से लक्षद्वीप के बीच पर पर्यटन के लिए आने की अपील की थी. प्रधानमंत्री मोदी की उस अपील पर चीन समर्थक देश मालदीव बौखलाया हुआ है. मालदीप सरकार के मंत्री और नेता भारत के खिलाफ जहर उगलने लगे जिसके बाद भारत में सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालदीप ट्रेंड करने लगा. भारतीय नागरिक मालदीप टूर कैंसिल करने लगे और उसकी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे देखिए वहां कुछ रखा नहीं है क्योंकि मालदीव में सिर्फ बीचेस है और एक वह है यह तो एक क्रेज हो गया था. कोविड के बाद लोग जाना चाह रहे थे और मालदीव ने एक तो रेट्स बहुत ज्यादा हाई करे हुए हैं और दूसरा वह इस टाइम चाइना को सपोर्ट कर रहे हैं तो पॉलिटिकली भी इट इ नॉट एडवाइजेबल फॉर पीपल टू गो टू मालव उससे बेटर है आप लक्षद्वीप जाए लक्षद्वीप में देखो मालदीप से बेटर अंडरर है अंडर वाटर लाइफ है स्पोर्ट्स है वाटर स्पोर्ट्स है और बहुत ही अच्छा मतलब कॉस्ट इफेक्टिव बहुत रीजनेबल प्राइस पर आपको होटल मिलेंगे दरअसल भारतीयों का गुस्सा मालदीप के मंत्रियों और नेताओं के भारत विरोधी बयान के बाद आया. वहां के कुछ बड़बोले मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया मालदीप की सूचना और कला उपमंत्री मरियम शिना ने प्रधानमंत्री मोदी पर अपमानजनक पड़ी की लेकिन सोशल मीडिया पर बायकॉट मालदीप ट्रेंड होने के बाद ही उन्होंने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया.
मालदीव के मंत्री अब्दुल्ला महजुब ने लिखा हमारे बीच पर्यटन से कड़ी टक्कर मिलेगी हमारा रिजॉर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर ही इनके पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा है मालदीव की सत्तारूढ़ पार्टी प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीप के नेता जाहिद रमीज ने लिखा हमसे प्रतिस्पर्धा करने का विचार भ्रामक है. वह हमारे द्वारा दी जाने वाली सर्विस कैसे दे सकते हैं वो इतने साफ कैसे हो सकते हैं. कमरों में आने वाली दुर्गंध सबसे बड़ी समस्या है इनके अलावा भी मालदीप के कुछ नेताओं ने सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ जहर उगला भारत विरोधी टिप्पणियों पर मोदी सरकार ने मालदीप के सामने कड़ी आपत्ति जताई तो वहीं भारतीयों ने सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालदीप से मालदीप के नेताओं को जवाब देना शुरू कर दिया बॉलीवुड के कई बड़े सेलिब्रिटी भी मालदीप के नेताओं के बयान के खिलाफ मैदान में उतर गए.
इनमें सबसे पहला नाम था अक्षय कुमार का अक्षय कुमार ने एक्स पर लिखा मालदीप के नेताओं की ओर से भारतीयों पर घृणित और नस्लवादी टिप्पणियां की गई आश्चर्य है कि वे ऐसा उस देश के लिए कह रहे हैं जो उनके देश में सबसे अधिक संख्या में पर्यटक भेजता है. हम अपने पड़ोसियों के प्रति अच्छे हैं लेकिन हमें ऐसी नफरत बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए मैंने कई बार मालदीप का दौरा किया है और हमेशा इसकी प्रशंसा की है. लेकिन देश पहले है आइए हम भारत के द्वीपों पर घूमने का फैसला लें और अपने देश में पर्यटन को बढ़ावा दें इसके बाद फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लक्षद्वीप की फोटो शेयर करते हुए लिखा अद्भुत भारतीय आतिथ्य अतिथि देवो भवा के विचार और विशाल समुद्री जीवन की खोज के साथ लक्षद्वीप घूमने लायक जगह है फिल्म अभिनेता सलमान खान ने भी एक्स पर लक्षद्वीप ने पर्यटन को लेकर ट्वीट किया हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लक्षद्वीप के सुंदर और आकर्षक बीच पर देखकर खुशी हुई और सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे भारत में ही है भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी भारतीय बीच को पर्यटन के लिए प्रोत्साहित किया उन्होंने महाराष्ट्र के सिंधु दुर्ग के समुद्र तट का वीडियो भी शेयर किया यह वीडियो पिछले साल उनके जन्मदिन के मौके का था सचिन तेंदुलकर ने लिखा तटीय शहर ने हमें वोह सब कुछ दिया जो हम चाहते थे और उससे कहीं ज्यादा दिया अद्भुत आतिथ्य के साथ भव्य स्थान हमारे लिए यादों का खजाना छोड़ गए भारत को सुंदर समुद्र तटों और प्राचीन द्वीपों का आशीर्वाद प्राप्त है हमारे अतिथि देवो भवा दर्शन के साथ हमारे पास खोजने के लिए बहुत कुछ है बहुत सारी यादें बनने की प्रतीक्षाकर रही है इनके अलावा फिल्म अभिनेत्री श्रद्धा कपूर ने भी लक्षद्वीप की फोटो एक्स पर शेयर करते हुए लिखा यह सभी तस्वीरें और मीम्स मुझे यहां जाने के लिए प्रेरित कर रही है लक्षदीप में ऐसे प्राचीन समुद्र तट हैं जो स्थानीय संस्कृति से भरपूर है मैं यहां पर अपनीnछुट्टियां बिताने की तैयारी कर रही हूं इस साल भारत के दीपों पर क्यों ना घूमे सचिन सलमान से लेकर श्रद्धा कपूर तक भारत में बीच पर्यटन के लिए लक्षद्वीप को सोशल मीडिया पर प्रमोट करते दिखे इनमें से ज्यादातर ने मालदीप का नाम भी नहीं लिया सोशल मीडिया पर बायकॉट और मोदी सरकार के विरोध से घबराई मालदीप की मोजू सरकार को बयान जारी कर सफाई देनी पड़ी मालदीप सरकार को कहना पड़ा विदेशी नेताओं पर अपमानजनक टिप्पणियों से वह अवगत है नेताओं के निजी बयान मालदीप सरकार के विचारों से मेल नहीं खाते अभिव्यक्ति की आजादी का प्रयोग जिम्मेदारी से होना चाहिए ताकि मालदीप के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर असर ना पड़े बयान करने वालों पर कारवाई करेगा मालदीव बयान जारी करने की कुछ ही देर बाद प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाली मंत्री मरियम को बर्खास्त कर दिया है इसके अलावा जिन सरकारी अफसरों ने भारत के खिलाफ टिप्पणी की थी उन सभी को हटा दिया गया है मालदीप की मोजू सरकार और उनके मंत्रियों को मालदीप के ही नेताओं ने आईना दिखाया मालदीप के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने सोशल मीडिया पर लिखा मालदीप सरकार की एक प्रतिनिधि मरियम शयोना कितनी भयावह भाषा बोल रही हैं वह भी एक ऐसे प्रमुख सहयोगी देश के नेता के लिए जिससे संबंध मालदीप की सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्त्वपूर्ण है जाहिर सी बात है मोजू सरकार नासमझ मंत्रियों की नादानियां से मालदीव को आने वाले वक्त में कितनी परेशानी हो सकती है यह वहां के प्रशासन कोअब पता चल चुका है.
मोजू सरकार के अलग-अलग मंत्री नए-नए बने हुए इस तरह की स्टेटमेंट देंगे तो सरकार की क्रेडिबिलिटी और इफेक्टिव अपने देश के अंदर छवि को नुकसान होगा कि भाई कैसी यह सरकार है पिछले साल जब से मालदीव्स में नई सरकार आई है और मोहम्मद मोसू वहां के राष्ट्रपति बने हैं उनका झुकाव चीन की ओर बढ़ गया है. मोजू सरकार चीन के हाथों की कठपुतली बनती जा रही है. नवंबर में मोजू के शपथ ग्रहण के अगले ही दिन मालदीव से भारतीय सेना को हटाने को कहा गया था.
इसके बाद दिसंबर में मोजू सरकार ने भारत से वर्षों पुराना हाइड्रोग्राफी समझौता बहाल करने से मना कर दिया था. हाइड्रोग्राफी समझौते के तहत भारत मालदीव के समुद्री जल का परीक्षण करता था और समुद्र से जुड़ी जानकारियां जुटा था माना जा रहा है कि मोजू यह सब कुछ चीन के इशारे पर कर रहे थे. कल से पांच दिनों के लिए मोजू चीन यात्रा पर जा रहे हैं हो सकता है कि वहां से लौटने पर भारत विरोधी कुछ और कदम उठाएं लेकिन उससे पहले ही पीएम मोदी ने मालदीव्स को समंदर के रास्ते ही आईना दिखाया. मालदीव्स की मोजू सरकार में ही ऐसा हो रहा है जबकि भारत हमेशा से मालदीव्स का साथ देता आया है और यह सिलसिला 1965 में मालदीव्स की आजादी के साथ ही शुरू हो गया था. भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल था जिन्होंने मालदीव्स को सबसे पहले मान्यता दी. 1972 में माले में मिशन स्थापित किया साल 2004 की सुनामी के बाद सबसे पहले मदद की मालदीव्स को ₹1 करोड़ भारत ने दिए थे एसबीआई मालदीव्स का बड़ा फाइनेंसर है मालदीव्स की रक्षा जरूरतें पूरी की रक्षा जरूरतें भी भारत पर ही टिकी हुई हैं साल 2010 और फिर 2013 में हेलीकॉप्टर दिए 2020 में छोटा एयरक्राफ्ट दिया 2018 से 2000 22 के बीच 1100 करोड़ की मदद की अस्पताल क्रिकेट स्टेडियम ब्रिज रोड मस्जिद और कॉलेज भी बनवाए इतनी मदद के बाद भी मोहम्मद मोजू पर मेड इन चाइना की पट्टी बंधी हुई.