जींद: अदालत कर्मी की आत्महत्या के आरोप में डीएसपी समेत चार के खिलाफ मामला दर्ज

जींद, 4 अप्रैल (हि.स.)। अदालत में प्यादे पद पर कार्यरत कर्मचारी राजेश द्वारा जहरीला पदार्थ निगल आत्महत्या करने के मामले में सदर थाना पुलिस ने डीएसपी जितेंद्र राणा सहित चार लोगों पर केस दर्ज किया है। शुक्रवार को दर्ज किए मामले में आरोपित डीएसपी जितेंद्र राणा का कहना है कि वो मृतक को जानते तक नहीं है, न ही वो मिले और न ही मृतक उनके किसी भी मामले में गवाह और मुजरिम रहा है। ऐसे में मृतक ने उनका नाम क्यों लिया है, यह समझ से परे है।
फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि जिला कोर्ट में प्रोसस सर्वर के तौर पर तैनात खरकरामजी गांव निवासी 44 वर्षीय राजेश ने एक अप्रैल को खेतों में जाकर जहरीला पदार्थ निगल लिया था। जहर निगलने के बाद उसने एक वीडियो बनाया है। एक मिनट 27 सेकंड के इस वीडियो में राजेश कह रहा है कि उसने जहर खा लिया है। पुलिस के सब इंसपेक्टर मिर्चपुर निवासी नरेश व उसका पुलिस से बर्खास्त साला गांव निडानी निवासी महाबीर ने षडय़ंत्र रचा है। खुलासा करने के लिए वह कोर्ट से दस्तावेज मंगाते थे और उसको कागज लाने के लिए दबाव डाला जाता था और ऐसा नहीं करने पर केस में फंसाने की धमकी दी जाती थी।
डीएसपी जितेंद्र राणा उन्हें बहकाए हुए थे। सुरेंद्र एएसआई का भी इसमें रोल है, फिर से चारों के नाम मृतक वीडियो में दोहराता है, वीडियो रिकोर्ड के दौरान उसकी हालात बिगड़ जाती है और वह उल्टियां करने लगता है। परिवार के लोगों द्वारा उसे जींद के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया था। बाद में पीजीआई रोहतक ले गया। जहां गुरूवार को राजेश की पीजीआई में मौत हो गई। मृतक राजेश के भाई अशोक व परिवार के लोग एसपी राजेश कुमार से मिले और कार्रवाई की मांग की। जब तक कार्रवाई नहीं होती, तब तक पोस्टमार्टम करवाने व शव लेने से परिजनों ने इंकार कर दिया था। एसपी राजेश कुमार द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद मृतक के परिजन सहमत हो गए। सदर थाना पुलिस ने डीएसपी समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
डीएसपी अमित कुमार ने बताया कि प्रोसेस सर्वर द्वारा आत्महत्या किए जाने पर मृतक के भाई द्वारा सदर थाना पुलिस को शिकायत दी गई है। शिकायत के आधार पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर लिया गया है। वीडियो को जांच में शामिल किया जाएगा। जांच के बाद ही पूरे मामले का पता चल पाएगा। डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र राणा का कहना है कि वो मृतक को जानते तक नहीं है। ऐसे में मृतक ने उनका नाम क्यों लिया है, यह समझ से परे है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा