केआईपीजी-2025: केरल के पावरलिफ्टर जोबी मैथ्यू की नजरें 51 वर्ष की उम्र में पैरालंपिक स्वर्ण पर

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केआईपीजी-2025: केरल के पावरलिफ्टर जोबी मैथ्यू की नजरें 51 वर्ष की उम्र में पैरालंपिक स्वर्ण पर


नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.)। खेलों में उम्र सिर्फ एक संख्या होती है, अगर खिलाड़ी शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हो। टाइगर वुड्स (49), क्रिस्टियानो रोनाल्डो (40) और राफेल नडाल (38) जैसे दिग्गज एथलीटों ने उम्र की बाधाओं को पार कर दुनिया में अपने खेल का लोहा मनवाया है। इसी तरह 48 वर्षीय केरल के पैरा पावरलिफ्टर जोबी मैथ्यू भी अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से खेल जगत में छाए हुए हैं।

जन्म से ही विकसित न हो सकी टांगों के बावजूद जोबी ने अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चार स्वर्ण और एक कांस्य पदक अपने नाम किए हैं। सोमवार को उन्होंने खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 में 65 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह पिछली बार की तुलना में एक सुधार है, जब उन्होंने 59 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता था। हालांकि, कोट्टायम में जन्मे इस बहुप्रतिभाशाली पैरा एथलीट ने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और पिछले 25 वर्षों से खेलों में सक्रिय हैं। उनका सपना 2028 लॉस एंजेलेस पैरालंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतना है और इसके लिए उनकी उम्र कोई मायने नहीं रखती।

जोबी प्रॉक्सिमल फीमरल फोकल डेफिशिएंसी नामक जन्मजात विकार से ग्रसित हैं, जिसमें जांघ की हड्डी या तो अविकसित होती है या अनुपस्थित होती है, जिससे एक पैर छोटा हो जाता है लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी बनने नहीं दिया। भारत पेट्रोलियम में मैनेजर के रूप में कार्यरत जोबी ने शुरुआत में शॉट पुट और डिस्कस थ्रो में हाथ आजमाया, फिर पावरलिफ्टिंग में कदम रखा। इसके अलावा, वह टेबल टेनिस में भी राष्ट्रीय पदक जीत चुके हैं।

पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप में दिखाया दम

जोबी ने 2022 में कोरिया में आयोजित पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप (एशिया-ओशिनिया वर्ल्ड चैंपियनशिप) में हिस्सा लिया और 59 किग्रा वर्ग में चार अलग-अलग कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीते। इनमें एशियन स्वर्ण पदक (59 किग्रा), ओशिनिया स्वर्ण पदक (59 किग्रा), सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट स्वर्ण (59 किग्रा) और कुल लिफ्ट स्वर्ण (59 किग्रा) शामिल है। हालांकि, 2023 में चीन में आयोजित एशियन पैरा गेम्स के लिए क्वालीफाई करने के बावजूद गलत एक्रेडिटेशन कार्ड के कारण उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा। यह उनके करियर का सबसे मुश्किल समय था। जोबी के पास पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करने का भी मौका था, लेकिन कुछ निजी कारणों से वह इसमें हिस्सा नहीं ले सके। लेकिन अब उनका पूरा ध्यान 2028 लॉस एंजेलेस पैरालंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतने पर है।

जोबी मैथ्यू का मानना है कि खेलो इंडिया पैरा गेम्स जैसे इवेंट्स अनुभवी पैरा एथलीट्स के लिए बड़ा मंच हैं। उन्होंने कहा, यह टूर्नामेंट आगामी वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चयन का एक प्रमुख प्लेटफॉर्म है, जिसे एसएआई द्वारा आयोजित किया जाता है। अन्य प्रतियोगिताएं ज्यादातर निजी संगठनों या नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित की जाती हैं लेकिन खेलो इंडिया पैरा गेम्स में अंपायर, रेफरी और खेल प्रशासन से जुड़े अधिकारी एथलीट्स का गंभीरता से मूल्यांकन करते हैं।

जब उनसे पूछा गया कि क्या 51 साल की उम्र में पैरालंपिक्स में पदक जीत सकते हैं? तो जोबी ने आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया, मेरे लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती। मैं मेहनत करने के लिए तैयार हूं। मुझे अपने भगवान और अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है। अगर मुझे सही समर्थन मिला तो मैं यह कर सकता हूं। यह सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि मेरे देश के लिए भी है।

जोबी मैथ्यू फिलहाल अक्टूबर में मिस्र में होने वाली पैरा पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड कप की तैयारी कर रहे हैं। वह सिर्फ अपनी उपलब्धियों तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि युवा पैरा एथलीट्स को प्रेरित करने का सपना भी रखते हैं। जौबी ने कहा, मैं एक फाइटर हूं। मुझे पैसों या पुरस्कारों की जरूरत नहीं। मेरा सपना भारत के लिए पैरालंपिक स्वर्ण जीतना है और युवा पैरा खिलाड़ियों को प्रेरित करना है।

जोबी का जज़्बा और मेहनत न केवल पैरा खिलाड़ियों के लिए बल्कि हर खेल प्रेमी के लिए प्रेरणा है। अब पूरा देश उम्मीद कर रहा है कि 2028 लॉस एंजिल्स पैरालंपिक्स में जोबी भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर एक नया इतिहास रचेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे