दिल्ली मेट्रो का लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर भारत की पहली 3 कोच वाली मेट्रो लाइन होगी : डीएमआरसी

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नई दिल्ली, 6 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली मेट्रो भारत का पहला ऐसा मेट्रो कॉरिडोर शुरू करने जा रही है। जिसे 3 कोच वाली ट्रेनों के साथ संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह देश के शहरी परिवहन नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रवक्ता अनुज दयाल ने रविवार को बताया कि फेज़-चौथा का लाजपत नगर - साकेत जी ब्लॉक मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में दूसरी सबसे छोटी मेट्रो लाइन (8 किलोमीटर) होगी, जो मौजूदा मेट्रो कॉरिडोर के साथ निर्बाध इंटरचेंज सुनिश्चित करते हुए लास्ट माइल कनेक्टिविटी का विस्तार करेगी।

भारत में पहली बार 3 कोच वाली मेट्रो ट्रेनें

अनुज दयाल ने बताया कि अधिकांश 4, 6 या 8 कोच वाली ट्रेनों का उपयोग करने वाली मेट्रो लाइनों के विपरीत, इस अभिनव 3 कोच प्रणाली को विशेष रूप से कम दूरी की यात्रा के लिए विकसित किया गया है। छोटी ट्रेन संरचना एक सस्ता और दुरुस्त समाधान प्रदान करेगी। जिससे दैनिक यात्रियों की पर्याप्त संख्या को समायोजित करते हुए बेहतर फ्रीक्वेंसी और परिचालन दक्षता सुनिश्चित होगी।

उन्होंने बताया कि यह कॉरिडोर केवल ट्रेन की लंबाई को कम करने के बारे में नहीं बल्कि भविष्य के लिए तैयार, कुशल और लागत-सचेत मेट्रो प्रणाली के साथ शहरी गतिशीलता के इष्टतम उपयोग करने के बारे में है। लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर को यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जा रहा है। जबकि उच्च घनत्व वाले गलियारों में भारी भीड़ को संभालने के लिए लंबी रेक की आवश्यकता होती है। यह सेक्शन, यात्रियों की एक अलग श्रेणी – जिसमें कम दूरी के यात्रियों को लगातार और कुशल मेट्रो सेवाओं की आवश्यकता होती है।

दयाल ने आगे बताया कि कॉरिडोर के पीक ऑवर पीक डायरेक्शन ट्रैफ़िक अनुमान मेनेजेबल लोड का संकेत देते हैं, जो अनावश्यक अधिक क्षमता के बिना आरामदायक यात्रा अनुभव सुनिश्चित करता है। छोटी ट्रेनों का अर्थ है तेज टर्नअराउंड समय, जो अत्यधिक कुशल फ्रीक्वेंसी सायकल की अनुमति देता है। जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ती है, ट्रेन की फ्रीक्वेंसी को यह सुनिश्चित करते हुए धीरे-धीरे समायोजित किया जा सकता है कि यात्रा सुचारू, अनुमानित और भीड़-भाड़ से मुक्त रहे।

उन्होंने बताया कि छोटे ट्रेन फॉर्मेट से अभिप्राय है प्रति ट्रिप ऊर्जा की कम खपत, जो इसे पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी और वित्तीय रूप से विवेकपूर्ण निर्णय बनाता है।

कोच क्षमता :

प्रति कोच बैठने और खड़े होने की क्षमता : लगभग 300 यात्री।

कुल ट्रेन क्षमता (3-कोच वाली ट्रेन) : प्रति ट्रिप 900 यात्री।

महत्वपूर्ण संपर्क : कॉरिडोर पर स्टेशन नए कॉरिडोर में आठ महत्वपूर्ण स्टेशन शामिल होंगे, जो प्रमुख आवासीय और वाणिज्यिक केंद्रों तक पहुंच सकने में मदद करेंगे।

-लाजपत नगर - पिंक और वायलेट लाइनों के साथ इंटरचेंज, एक प्रमुख वाणिज्यिक और ट्रांजिट

हब।

-एंड्रयूज गंज - आवासीय और संस्थागत क्षेत्रों की सेवा।

-जीके-1 - ग्रेटर कैलाश और आसपास के इलाकों की सेवा।

-चिराग दिल्ली - दक्षिण दिल्ली के व्यस्त इलाकों तक पहुंच में सुधार। मैजेंटा लाइन के साथ

इंटरचेंज।

-पुष्पा भवन - सरकारी कार्यालयों और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ना।

-साकेत कोर्ट - साकेत जिला न्यायालय परिसर, सलेक्ट सिटी वॉक मॉल और अन्य कार्यालयों आदि

तक पहुंच में सुधार।

-पुष्प विहार - सेक्टर 1, 3, 4 और 7 के निवासियों को लाभान्वित करना।

-साकेत जी ब्लॉक - गोल्डन लाइन के साथ इंटरचेंज, हवाई अड्डे से जुड़ाव।

बुनियादी ढांचा और विस्तार की संभावनाएं

स्टेशन बॉक्स की लंबाई : 74 मीटर, 3-कोच वाली ट्रेन के परिचालन के लिए अनुकूलित। अनुमानित दैनिक राइडरशिप (2025) : 60,000-80,000 यात्री।

अनुमानित दैनिक राइडरशिप (2041) : फ्रीक्वेंसी में बढ़ोतरी के साथ 1,20,000 से अधिक यात्री।

दिल्ली के मेट्रो नेटवर्क पर प्रभाव

अनुज दयाल ने अंत में बताया कि यह कॉरिडोर विशेष रूप से दक्षिण और मध्य दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए लास्ट-

माइल कनेक्टिविटी में काफी सुधार करेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी