कांग्रेस ने बोडोलैंड शांति समझौते का उड़ाया था मजाक, आज क्षेत्र में स्थायी शांति: अमित शाह

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कांग्रेस ने बोडोलैंड शांति समझौते का उड़ाया था मजाक, आज क्षेत्र में स्थायी शांति: अमित शाह


ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन के 57वें वार्षिक अधिवेशन काे शाह ने किया संबाेधित

कोकराझाड़ (असम), 16 (हि.स.)। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बोडो शांति समझौते की मजबूती को रेखांकित करते हुए कांग्रेस पर तंज कसा। शाह ने कहा कि जब 27 जनवरी 2020 को बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (डीटीआर) शांति समझौता हुआ था, तब कांग्रेस ने इसका मजाक उड़ाया था, लेकिन आज यह समझौता क्षेत्र में स्थायी शांति का आधार बन चुका है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को असम के कोकराझाड़ में ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (आब्सू) के 57वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि समझौते के 82 फीसदी प्रावधान पहले ही केंद्र और असम सरकार लागू कर चुके हैं। अगले दो वर्षों में इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा, जिससे बोडोलैंड में स्थायी शांति सुनिश्चित होगी। उन्होंने याद दिलाया कि 1 अप्रैल 2022 को पूरे बीटीआर क्षेत्र से अफस्पा हटा लिया गया था, जिससे स्थिरता बढ़ी है। बोडोलैंड की आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कोकराझाड़ के मशरूम ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ पहल के तहत राष्ट्रीय पहचान बना चुके हैं और दिल्ली के होटलों में परोसे जा रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री शाह ने आब्सू के योगदान की सराहना करते हुए कहा, अगर आब्सू न होता तो बोडो समझौता संभव नहीं होता और न ही बोडोलैंड में शांति स्थापित हो पाती। उन्होंने पारंपरिक बोडो धर्म बाथौ धर्म को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। केन्द्रीय

गृह मंत्री ने बोडोलैंड के युवाओं से 2036 अहमदाबाद ओलंपिक्स में भाग लेने की तैयारी करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है।

दिल्ली में एक सड़क होगी बोडो नेता उपेंद्र नाथ ब्रह्म के नाम

केन्द्रीय गृह मंत्री ने बोडो शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज मैं बोडोफा उपेंद्र नाथ ब्रह्म की जन्मस्थली पर खड़ा हूं और उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूं। सम्मेलन में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि दिल्ली में एक प्रमुख सड़क का नाम बोडो आंदोलन के नेता उपेंद्र नाथ ब्रह्म के नाम पर रखी जाएगी। इसके अलावा, अप्रैल के पहले सप्ताह में असम के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में उनकी प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश