आतंकवाद पर एडीएमएम-प्लस विशेषज्ञ कार्य समूह की 14वीं बैठक नई दिल्ली में 19-20 मार्च को

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आतंकवाद पर एडीएमएम-प्लस विशेषज्ञ कार्य समूह की 14वीं बैठक नई दिल्ली में 19-20 मार्च को


- भारत और मलेशिया बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे, रक्षा सचिव मुख्य भाषण देंगे

नई दिल्ली, 16 मार्च (हि.स.)।​ आतंकवाद पर आसियान रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन-प्लस (एडीएमएम-प्लस) विशेषज्ञ कार्य समूह (ईडब्ल्यूजी) की 14वीं बैठक 19 से 20 मार्च तक नई दिल्ली में ​होगी। भारत और मलेशिया इस बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। ​बैठक में 10 आसियान सदस्य राष्ट्र और आठ संवाद सहयोगी देशों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ-साथ तिमोर लेस्ते तथा आसियान के सचिव भी भाग लेंगे।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार आतंकवाद का मुकाबला करने पर भारत पहली बार ईडब्ल्यूजी की सह-अध्यक्षता करेगा। रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह 19 मार्च को उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्य भाषण देंगे। बैठक में आसियान सदस्य ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, वियतनाम, सिंगापुर व थाईलैंड हिस्सा लेंगे। इसके अलावा आठ संवाद सहयोगी देश में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, जापान, चीन, अमेरिका व रूस के प्रतिनिधिमंडल भी भाग लेंगे। ​

मंत्रालय के अनुसार​ यह आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञ कार्य समूह​ की योजनाबद्ध गतिविधियों की पहली बैठक होगी।

बैठक आतंकवाद और उग्रवाद के उभरते खतरे से निपटने के लिए एक सशक्त एवं व्यापक रणनीति तैयार करने पर केंद्रित हाेगी। इस बैठक का उद्देश्य आसियान के रक्षा बलों और उसके संवाद भागीदार देशों के वास्तविक अनुभव को साझा करना है। एडीएमएम-प्लस​ में भाग लेने वाले देशों के रक्षा प्रतिष्ठानों के बीच व्यावहारिक सहयोग के लिए ​यह एक मंच के रूप में कार्य करता है। तीन वर्ष के चक्र के बाद प्रत्येक ईडब्ल्यूजी की सह-अध्यक्षता एक आसियान सदस्य देश और एक संवाद साझेदार देश ​की ओर से की जाती है।

बताया गया है कि वर्तमान में सहकारिता के सात क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिनमें आतंकवाद-प्रतिघात, समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता एवं आपदा प्रबंधन, शांति अभियान, सैन्य चिकित्सा, मानवीय खदान कार्रवाई व साइबर सुरक्षा शामिल हैं। इन क्षेत्रों में सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए ईडब्ल्यूजी की स्थापना की गई है। सह-अध्यक्षों का मुख्य कार्य अपनी अध्यक्षता के प्रारंभ में तीन-वर्षीय चक्र के लिए प्रगति को जांचने के उद्देश्य से तीसरे वर्ष में सभी सदस्य देशों के लिए किसी भी रूप का अभ्यास करना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम