युवाभारती हिंसा : आयोजक शतद्रु की संस्था के छह लोगों को पुलिस का नोटिस
कोलकाता, 15 दिसंबर (हि.स.)। लियोनेल मेसी के कोलकाता समेत भारत दौरे के मुख्य आयोजक शतद्रु दत्त को शनिवार को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। अब बिधाननगर पुलिस ने उनकी संस्था के छह लोगों को नोटिस जारी किया है। सभी को मंगलवार को ही पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा गया है। सॉल्टलेक के युवाभारती क्रीड़ांगन में मेसी के कार्यक्रम के दौरान हुई भारी अव्यवस्था के बाद यह कार्रवाई की है। उस दिन हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि हिंसा के चलते मेसी को महज 16 मिनट में ही मैदान छोड़ना पड़ा।
आरोप है कि गैलरी से दर्शकों को मेसी की एक झलक तक नहीं मिल सकी। जैसे ही मेसी मैदान में पहुंचे, करीब 100 लोग उन्हें घेरकर खड़े हो गए। इनमें नेता, मंत्री, आयोजन से जुड़े अधिकारी और तस्वीरें लेने वाले लोग शामिल थे। मेसी अपने साथी खिलाड़ियों लुइस सुआरेज और रोड्रिगो डी पॉल के साथ आए थे। भीड़ की धक्का मुक्की में सुआरेज के पेट में कोहनी लग गई, जबकि डी पॉल के हाथ में नाखून के निशान पड़ गए। तीनों खिलाड़ी बेहद असहज स्थिति में मैदान से बाहर निकले। मेसी को उनके सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत वहां से हटाया।
मेसी के जाने के बाद युवभारती में मौजूद दर्शक भड़क उठे। गुस्साई भीड़ ने स्टेडियम में तोड़फोड़ शुरू कर दी। कुर्सियां उखाड़कर मैदान में फेंकी गईं। हजारों लोग मैदान के भीतर घुस गए और पुलिस को दौड़ाया गया। हालात पर काबू पाने में पुलिस को एक घंटे से ज्यादा समय लगा।
उसी दिन शतद्रु मेसी के साथ हैदराबाद जाने वाले थे, लेकिन एयरपोर्ट से ही विधाननगर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। रविवार को विधाननगर महकमा अदालत ने शतद्रु की जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने उनकी कंपनी से जुड़े अन्य अधिकारियों को भी तलब करना शुरू कर दिया है।
इस पूरे मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश असीम कुमार राय की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की है। समिति में मुख्य सचिव मनोज पंत और गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती भी शामिल हैं।
जांच में आयोजकों की गंभीर लापरवाही सामने आ रही है। आरोप है कि मेसी के दौरे को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई थी। मेसी कब आएंगे, क्या करेंगे, कहां रुकेंगे, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं थी। आयोजकों ने इस बारे में प्रशासन से भी समन्वय नहीं किया।
आम तौर पर ऐसे बड़े आयोजनों में हर मिनट का कार्यक्रम तय रहता है और टिकट पर भी पूरा विवरण लिखा होता है। लेकिन युवाभारती के कार्यक्रम में ऐसा कुछ भी नहीं था। कार्यक्रम से पहले कोई रिहर्सल तक नहीं की गई थी। शतद्रु ने अलग-अलग एजेंसियों को अलग जिम्मेदारियां दी थीं, लेकिन उनके बीच कोई तालमेल नहीं था। इसी अव्यवस्था ने हालात को बेकाबू बना दिया।--------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

