बीरभूम से गिरफ्तार दो जेएमबी आतंकियों के मोबाइल से मिले कोडेड संदेश
कई कट्टरपंथी संगठनों से संपर्क का खुलासा
कोलकाता, 10 मई (हि. स.)।पश्चिम बंगाल पुलिस को बीरभूम जिले के नलहाटी से शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों के मोबाइल फोन से कई कोडेड और एन्क्रिप्टेड संदेश मिले हैं, जिनसे इनके अन्य कट्टरपंथी संगठनों से गहरे संबंधों का संकेत मिलता है। गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिक आजमल हुसैन और साहेब अली खान के मोबाइल में संदिग्ध संदेशों के जरिए अंसार गजवत-उल-हिंद, हिज्ब उत-तहरीर (एचयूटी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) जैसे संगठनों का ज़िक्र सामने आया है।
सूत्रों के अनुसार, इन संगठनों में से अंसार गजवत-उल-हिंद की जड़ें जम्मू-कश्मीर में हैं, जबकि एचयूटी और एबीटी बांग्लादेश आधारित संगठन हैं जो बंगाल के सीमावर्ती जिलों खासकर मुर्शिदाबाद और मालदा जैसे अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में अपने नेटवर्क फैलाने की कोशिश में सक्रिय हैं।
जांच में जुटे पुलिस अधिकारी इन कोडेड संदेशों को डिकोड करने में लगे हैं ताकि इनकी कट्टरपंथी संगठनों से वास्तविक संबंधों का पता चल सके। दोनों आरोपितों को बीरभूम जिला अदालत ने 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है और उनसे लंबी पूछताछ की जा रही है।
पुलिस को कुछ संदिग्ध ऑनलाइन लेनदेन के सुराग भी मिले हैं। पूछताछ में आजमल हुसैन ने स्वीकार किया है कि वह हाल ही में बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों की सतर्कता के चलते उसमें सफल नहीं हो सका।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय को खुफिया एजेंसियों से यह सूचना मिली है कि हाल ही में मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हुई हिंसा और तोड़फोड़ के पीछे कुछ बांग्लादेशी घुसपैठियों की भूमिका रही है। उस रिपोर्ट में भी जेएमबी, एचयूटी और एबीटी के नाम सामने आए थे।
विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्र शमशेरगंज और धूलियन में हुए उपद्रवों को देखते हुए अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) की संलिप्तता की आशंका को ज्यादा मजबूत माना जा रहा है। भारत-बांग्लादेश सीमा के उस पार स्थित चपाई नवाबगंज ज़िला एबीटी का गढ़ माना जाता है, जिससे इस संगठन की भूमिका और संदिग्ध हो जाती है।
पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब इन गिरफ्तारियों को हालिया सांप्रदायिक तनावों से भी जोड़कर देख रही हैं और राज्य के सीमावर्ती जिलों में आतंकी नेटवर्क को तोड़ने के लिए अभियान तेज किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर