भाजपा ने ममता पर लगाया दोहरा रवैया अपनाने का आरोप, उठाए कई सवाल
कोलकाता, 04 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व राज्य अध्यक्ष व पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राहुल सिन्हा ने गुरुवार को सॉल्टलेक स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर गंभीर टिप्पणी की।
सिन्हा ने बताया कि कल से विधानसभा चुनावों की औपचारिक तैयारी प्रारम्भ हो जाएगी। संगठनात्मक सुदृढ़ीकरण के तहत पांच-छह बूथ मिलाकर “शक्ति केंद्र” तैयार किए जा रहे हैं। 15 जनवरी तक राज्य के सभी 13 हजार शक्ति केंद्रों में भाजपा की सभाएं आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि कल से ही एक हजार 300 शक्ति केंद्रों में शाम पांच से सात बजे तक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। इसके बाद हर विधानसभा क्षेत्र में राज्य व केंद्रीय नेतृत्व की उपस्थिति में बड़े जनसमूहों को संबोधित किया जाएगा।
उन्होंने यह भी पुष्टि की कि प्रधानमंत्री सात विशाल जनसभाओं में उपस्थित रहेंगे, जिसके बाद गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और अन्य केंद्रीय नेता राज्य का दौरा करेंगे।
राहुल सिन्हा ने मुर्शिदाबाद की मुख्यमंत्री की सभा में हुमायूं कबीर को अचानक निलंबित किए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि उसे निलंबित ही करना था तो फिर सरकारी आमंत्रण क्यों भेजा गया?
उन्होंने आरोप लगाया कि कबीर द्वारा किए गए “साम्प्रदायिक कृत्य” तृणमूल कांग्रेस के निर्देश पर हुए ताकि राज्य में हिंदू–मुस्लिम तनाव का माहौल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा पहले से आशंकित थी कि एसआईआर में घिरने के बाद तृणमूल साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की रणनीति अपनाएगी।
तृणमूल ने धर्म को राजनीति से जोड़ा
सिन्हा ने कहा कि तृणमूल सरकार पर जब यह स्पष्ट हो गया कि साम्प्रदायिक खेल उनके ही सिर चढ़ रहा है, तब जाकर कबीर को “बलि का बकरा” बनाया गया।
मुख्यमंत्री के बयान कि “वे धर्म की राजनीति नहीं करते”, पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि हिजाब, बुरखा और नमाज़ को राजनीति में उपयोग करने वाली मुख्यमंत्री किस तरह दावा कर सकती हैं कि वे धर्म को राजनीति से अलग रखती हैं?
सिन्हा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने हिजाब पहनकर दुर्गा पूजा पंडाल उद्घाटन, सड़कों पर नमाज़ अदा करने वाली अपनी तस्वीरें प्रचारित कर धार्मिक भावनाओं का राजनीतिक दोहन किया है। अब जब हिंदू समाज का बड़ा वर्ग उनसे दूर हुआ है तो “वे अल्लाह को छोड़कर मां दुर्गा की ओर लौट आई हैं”—इसी कारण क्लबों को दुर्गा पूजा अनुदान, जगन्नाथ व महाकाल मंदिरों के निर्माण जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
सिन्हा ने आरोप लगाया कि पहले रामनवमी मनाने पर भाजपा समर्थकों को गिरफ्तार किया गया, हनुमान जयंती पर लाठीचार्ज हुआ। अब वही मुख्यमंत्री अपने कार्यकर्ताओं से इन त्योहारों को मनाने की अपील कर रही हैं— यह अवसरवादी राजनीति का उदाहरण है। उन्होंने राज्य की जनता, हिंदू तथा मुस्लिम दोनों का धन्यवाद किया कि उन्होंने “विभाजन की इस राजनीति” को स्वीकार नहीं किया।
सिन्हा ने कहा कि यदि बांग्लादेश से कोई धार्मिक अल्पसंख्यक भारत आता है तो उसे नागरिकता दी जाएगी, और भारत के हिंदू-मुस्लिम समान अधिकारों के साथ रहेंगे। लेकिन बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठिए और रोहिंग्या कानून अनुसार डिटेंशन कैंप भेजे जाएंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

