मनमानी तरीके से पार्किंग चार्ज वसूला जाने से पिकनिक स्पॉट मैथन डैम पहुंचने वाले सैलानियों में नाराजगी
आसनसोल, 14 दिसंबर (हि. स.)। जिले के विभिन्न पिकनिक स्पॉट पर सैलानियों की भीड़ उमडने लगी है। पश्चिम बर्दवान जिले में सबसे रमणीय तथा महत्वपूर्ण पिकनिक स्पॉट मैथन डैम भी सैलानियों की सबसे पसंदीदा जगह में एक है। मैथन डैम का थर्ड डाइक, फायरिंग रेंज, सीताबाड़ी और सुलेमान पार्क पिकनिक के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में गिने जाते हैं। दिसंबर की शुरुआत से ही लोग परिवार और दोस्तों के साथ बनभोज मनाने यहां पहुंचने लगते हैं।
उल्लेखनीय है कि पिकनिक सीजन शुरू होते ही बंगाल और झारखंड से बड़ी संख्या में पर्यटक मैथन पहुंचने लगे हैं। सर्दियों के मौसम में मैथन जलाशय की प्राकृतिक सुंदरता, ठंडी हवा और हरियाली पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है। नौका विहार, खुले मैदान और झील किनारे बिताया गया समय लोगों के लिए खास अनुभव होता है। लेकिन इस वर्ष मैथन डैम क्षेत्र में प्रवेश शुल्क वसूला जा रहा है। जिसे लेकर सैलानियों में खासी नाराजगी है। सैलानियों का कहना है कि प्रवेश शुल्क तो नियमित रूप से लिया जा रहा है, प्रवेश शुल्क बड़ी बस 250 रुपए, मिनी बस 200 रुपए, चारपहिया वाहन 150 रुपए, ऑटो/ टोटो 50 रुपए, पिकनिक स्थल की सफाई के नाम पर 50 से 100 रुपए अतिरिक्त वसूला जा रहा है।
सबसे बड़ा सवाल तब खड़ा हुआ जब लोगों ने आरोप लगाया कि मैथन की सड़क से केवल गुजरने पर भी प्रवेश शुल्क वसूला जा रहा है, भले ही कोई पिकनिक न करे।
पर्यटकों का कहना है कि यदि प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है, तो बदले में सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। बिना पिकनिक किए केवल रास्ते से गुजरने पर शुल्क लेना अन्यायपूर्ण और अव्यवहारिक बताया जा रहा है।
लेकिन उसके बदले बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। पीने के पानी की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। शौचालयों की संख्या बेहद कम और हालत खराब है। शाम होते ही रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं रहती। पिकनिक स्थलों पर गंदगी फैली रहती है। कई स्थानों पर आवारा पशुओं का आंतक बना रहता है, जिससे पिकनिक का आनंद खराब हो रहा है, सलानपुर ग्राम पंचायत प्रशासन द्वारा थर्माकोल के उपयोग पर रोक लगाए जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। पिकनिक स्थलों पर जगह-जगह थर्माकोल की प्लेटें और कटोरियां पड़ी दिखाई देती हैं, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है।
नौका विहार को लेकर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
पर्यटकों का कहना है कि कई नावों में लाइफ जैकेट का इस्तेमाल नहीं कराया जा रहा, और पुलिस प्रशासन की निगरानी भी न के बराबर है।
नाव चालकों का कहना है कि उनके पास फिलहाल पर्याप्त लाइफ जैकेट नहीं हैं, हालांकि उन्होंने इसके लिए ऑर्डर दे दिया है। ---------------
हिन्दुस्थान समाचार / संतोष विश्वकर्मा

