जेयू के कार्यवाहक कुलपति को कार्यमुक्त किया गया, रिटायरमेंट से चार दिन पहले हटाने पर उठे सवाल

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कोलकाता, 28 मार्च (हि.स.) । जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के कार्यवाहक कुलपति भास्कर गुप्ता को उनके सेवानिवृत्त होने से चार दिन पहले ही पद से हटा दिया गया। राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने यह निर्णय लिया है, जिससे शिक्षा और राजनीति जगत में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

गुरुवार रात को जारी आदेश में कहा गया, दिनांक 20 अप्रैल 2024 के आदेश संख्या डब्ल्यूबीजी/एबी/657 के तहत प्रोफेसर भास्कर गुप्ता को जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में दी गई अधिकृत शक्तियां और जिम्मेदारियां तत्काल प्रभाव से वापस ली जाती हैं। इस आदेश के बाद गुप्ता को कुलपति के पद से हटा दिया गया, हालांकि वे 31 मार्च तक विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहेंगे।

कुलपति पद से हटाए जाने के पीछे का कारण आदेश में स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन राजनीतिक और अकादमिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि यह फैसला जादवपुर विश्वविद्यालय में हाल ही में हुई अव्यवस्था के मद्देनजर लिया गया।

गत एक मार्च को जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में उस समय हंगामा मच गया जब राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की कार को छात्रों ने रोक लिया। छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप था कि विरोध के बीच मंत्री की गाड़ी ने दो छात्रों को टक्कर मार दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

इसी दौरान ब्रात्य बसु भी मामूली रूप से घायल हो गए और तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था।

भास्कर गुप्ता को हटाने के बाद जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों के लिए अब कोई कार्यवाहक कुलपति नहीं है। राज्यपाल सचिवालय की ओर से अब तक नए कुलपति की नियुक्ति को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में विश्वविद्यालय का प्रशासनिक कामकाज प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर