एक्स प्रचंड प्रहार में ड्रोन और लूटिंग गोला-बारूद रहे मुख्य आकर्षण

कोलकाता, 27 मार्च (हि. स.)। भारतीय सेना के पूर्वी कमान द्वारा अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में आयोजित 'एक्स प्रचंड प्रहार' संयुक्त सैन्य अभ्यास में स्वार्म ड्रोन, कामिकाजे ड्रोन और लूटिंग म्यूनिशन (भटकने वाले गोला-बारूद) प्रमुख आकर्षण रहे।
पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राम चंदर तिवारी, पूर्वी वायु कमान के एयर मार्शल सूरत सिंह, और पश्चिम बंगाल के नौसेना अधिकारी कमोडोर अजय यादव ने इस अभ्यास की प्रगति की समीक्षा की।
आधुनिक युद्ध तकनीकों को ध्यान में रखते हुए इस अभ्यास में ड्रोन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पूर्वी कमान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सर्विलांस ड्रोन और अंतरिक्ष संसाधनों का उपयोग न केवल बलों और उपकरणों की तैनाती के लिए किया गया, बल्कि लक्ष्यों की पहचान के लिए भी किया गया। इसके अलावा, स्वार्म ड्रोन, कामिकाजे ड्रोन और लूटिंग म्यूनिशन को आक्रामक हथियारों के रूप में प्रभावी रूप से परखा गया।
उन्होंने कहा कि वैश्विक संघर्षों से यह स्पष्ट हो गया है कि भविष्य के युद्धों में ड्रोन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। जिस पक्ष के पास बेहतर तकनीक होगी, उसे बढ़त मिलेगी।
अभ्यास के पहले चरण में तीनों सेनाओं के उन्नत सर्विलांस संसाधनों को तैनात किया गया। इसमें भारतीय वायुसेना के लंबी दूरी के निगरानी विमान, भारतीय नौसेना के समुद्री डोमेन अवेयरनेस एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) शामिल थे। इस चरण में अंतरिक्ष संसाधनों और सेना की विशेष टुकड़ियों का भी उपयोग किया गया, जिससे डोमेन अवेयरनेस बढ़ी और लक्ष्यों की पहचान में मदद मिली।
इसके बाद, पहचान किए गए लक्ष्यों को संयुक्त अग्नि शक्ति के माध्यम से नष्ट कर दिया गया। इस प्रक्रिया में लड़ाकू विमान, लंबी दूरी की रॉकेट प्रणाली, मध्यम तोपखाने, सशस्त्र हेलीकॉप्टर, स्वार्म ड्रोन, लूटिंग म्यूनिशन और कामिकाजे ड्रोन का समन्वित उपयोग किया गया। यह पूरा अभियान इलेक्ट्रॉनिक रूप से चुनौतीपूर्ण माहौल में संचालित किया गया।
यह अभ्यास 'एक्स पूर्वी प्रहार' के कुछ ही महीनों बाद आयोजित किया गया, जिसमें विमानन संसाधनों के एकीकृत उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया था। 'एक्स प्रचंड प्रहार' इससे एक कदम आगे बढ़कर योजनाबद्ध कमान और नियंत्रण, निगरानी और अग्नि शक्ति के समन्वित क्रियान्वयन की पुष्टि करता है। यह थिएटर कमान की अवधारणा के अनुरूप है, जिसे भारतीय सेना में लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने संयुक्तता, सटीकता और तकनीकी श्रेष्ठता के प्रति इस अभ्यास में प्रदर्शित प्रतिबद्धता की सराहना की।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर