एसआईआर प्रक्रिया के बीच पूर्व बर्दवान में तालाब से मिले सैकड़ों आधार कार्ड, मचा हड़कंप
पूर्व बर्दवान, 05 नवंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में एसआईआर अभियान के तहत मंगलवार से मतदाता सूची के लिए एन्यूमरेशन फॉर्म का वितरण शुरू हुआ है। लेकिन इसके अगले ही दिन, बुधवार को पूर्व बर्दवान जिले के पूर्वस्थली इलाके में एक तालाब से सैकड़ों आधार कार्ड मिलने से सनसनी फैल गई। बताया जा रहा है कि ये सभी आधार कार्ड तीन बोरियों में भरकर रात के अंधेरे में किसी ने फेंक दिए थे।
स्थानीय लोगों ने बुधवार सुबह पूर्वस्थली-2 ब्लॉक के बरडांगा इलाके के एक तालाब में तैरते हुए आधार कार्ड देखे। खोजबीन करने पर तीन बोरियां मिलीं जिनमें बड़ी संख्या में आधार कार्ड और कुछ अन्य दस्तावेज भरे हुए थे। सूचना मिलते ही पूर्वस्थली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और एक बोरी को बाहर निकाल लिया। बाकी दो बोरियां, जो पानी के नीचे थीं, उन्हें निकालने का प्रयास जारी है।
पुलिस ने इलाके में माइकिंग कर लोगों से अपील की है कि अगर किसी के हाथ में कोई आधार कार्ड या दस्तावेज लगे तो उसे तुरंत प्रशासन या नज़दीकी थाने में जमा करें।
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये आधार कार्ड किसने और क्यों फेंके। स्थानीय लोगों का कहना है कि कार्डों पर छपी तस्वीरें और नाम किसी भी स्थानीय व्यक्ति के नहीं हैं।
एक स्थानीय निवासी, लक्ष्मण मंडल ने बताया कि सुबह मजदूरों ने काम करते वक्त तीन बोरियां देखीं। एक बोरी को बाहर निकाला गया, बाकी दो अब भी तालाब में हैं। कार्डों पर लिखे नाम हमारे इलाके के नहीं हैं।
इस घटना ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। भाजपा का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने के बाद डर के कारण ये फर्जी आधार कार्ड नष्ट करने के उद्देश्य से फेंक दिए गए हैं।
स्थानीय भाजपा नेता परिमल मिस्त्री ने कहा कि ये निश्चित रूप से फर्जी आधार कार्ड हैं। यह गंभीर मामला है, इसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस की ओर से पूर्वस्थली उत्तर के विधायक तपन चटर्जी ने कहा, “मुझे लगता है कि ये डुप्लिकेट कार्ड हैं, इसलिए इन्हें फेंक दिया गया। लेकिन एसआईआर के डर से ऐसा किया गया है या नहीं, यह कहना मुश्किल है।”
महकमा शासक ने बताया कि पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है और पूरे मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल, यह जांच का विषय है कि आधार कार्ड असली हैं या नकली और इन्हें किस उद्देश्य से तालाब में फेंका गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय

