ईडी ने बैंक धोखाधड़ी मामले में दायर की अभियोजन शिकायत
कोलकाता, 11 दिसंबर (हि. स.)। प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में पी.के. एंटरप्राइजेज नामक फर्म और उसके प्रोप्राइटर सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ विशेष पीएमएलए अदालत, कोलकाता में अभियोजन शिकायत दाखिल की है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम 2002 के तहत की गई।
ईडी ने गुरुवार को अपने बयान में बताया है कि शिकायत पी.के. एंटरप्राइजेज के प्रोप्राइटर प्रशांत दास, दिवंगत पूर्णेंदु दास के पुत्र, तथा इस कथित बैंक फर्जीवाड़े के सूत्रधार के रूप में चिन्हित चंदन सरकार, ललटू साहा और तीन अन्य आरोपितों के खिलाफ दर्ज की गई है।
एजेंसी के अनुसार, इसकी जांच एक एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी, जो सीबीआई की बैंकिंग एवं सिक्योरिटीज फ्रॉड सेल ने दर्ज की थी। जांच में पता चला कि दिवंगत पूर्णेंदु दास ने अपनी प्रोप्राइटरशिप फर्म के माध्यम से पूर्व इलाहाबाद बैंक (अब इंडियन बैंक) से आठ करोड़ रुपये का पैकिंग क्रेडिट और 25 करोड़ रुपये का विदेशी बिल नेगोशिएशन सुविधा ली थी। यह सुविधा बांग्लादेश को प्याज निर्यात के नाम पर ली गई, लेकिन कथित तौर पर फर्जी निर्यात बिल जमा कर बैंक को 26.72 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया।
ईडी का कहना है कि बांग्लादेश के विभिन्न बैंकों द्वारा जारी लेटर ऑफ क्रेडिट के तहत नेगोशिएट किए गए 25 करोड़ रुपये के दावे समय पर चुकाए नहीं गए। जब इलाहाबाद बैंक ने भुगतान मांगना शुरू किया, तब बांग्लादेश स्थित बैंकों ने यह कहते हुए भुगतान से इनकार कर दिया कि उन्हें निर्यात की गई वस्तुएं मिली ही नहीं।
आरोप है कि पूर्णेंदु दास ने ऋण की राशि को अपने पुत्र की फर्म पी.के. एंटरप्राइज और अपने निजी खातों में स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने 70 बेयरर चेक जारी कर नकद निकासी करवाई, जिनमें आपूर्तिकर्ताओं सहित स्वयं का नाम भी था, और नकदी अपने कर्मचारियों के माध्यम से निकलवाई।
ईडी के अनुसार इस मामले में इससे पहले 34.42 लाख रुपये मूल्य की पांच अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया जा चुका है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

