बंगाल सरकार ने एसआईआर के दौरान बीएलओ मानदेय की पहली किस्त जारी की
कोलकाता, 08 दिसंबर (हि.स.)। चुनाव आयोग के लगातार दबाव और बार-बार याद दिलाने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने आखिरकार सोमवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में तैनात बूथ स्तर अधिकारियों यानी बीएलओ के मानदेय के लिए पहली किस्त जारी कर दी। राज्य वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पहली किस्त के रूप में ₹51 करोड़ की राशि जारी की गई है।
पिछले सप्ताह चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया था कि बीएलओ मानदेय के मद में राज्य सरकार पर कुल ₹70 करोड़ की बकाया राशि है। नियम के अनुसार बीएलओ, जो राज्य सरकार के कर्मचारी होते हैं, उनके मानदेय का वहन संबंधित राज्य सरकार को ही करना होता है। आयोग ने बताया कि इस संबंध में सचिवालय को लगातार दो पत्र भेजे गए थे। सोमवार को राज्य सरकार ने पहली किस्त जारी कर दी।
वर्तमान एसआईआर प्रक्रिया में शामिल प्रत्येक बीएलओ को ₹14,000 और बीएलओ पर्यवेक्षकों को ₹18,000 दिए जाने हैं। राज्य में कुल 81 हजार बीएलओ इस कार्य में लगे हुए हैं।
एसआईआर कार्य 4 नवंबर को शुरू हुआ था और 16 दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ इसका पहला चरण समाप्त होगा। शुरुआती चरण में बीएलओ का कार्य घर-घर जाकर गणना प्रपत्रों का वितरण, भरे हुए प्रपत्रों का संग्रह और उन्हें बीएलओ ऐप पर अपलोड करना रहा।
पहले चरण में कई बीएलओ को इस बात पर चेतावनी दी गई कि वे आयोग की निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे थे और मतदाताओं से घर-घर जाकर फॉर्म लेने के बजाय किसी एक स्थान पर बुलाकर फॉर्म वितरण और संग्रह कर रहे थे।
पहले चरण के दौरान काम के अत्यधिक दबाव के कारण बीएलओ की मौत और आत्महत्या की खबरें भी सामने आई थीं, जिससे एसआईआर प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

