सीईओ दफ्तर के बाहर फिर तनाव, बीएलओ अधिकार रक्षा समिति का उग्र प्रदर्शन
कोलकाता, 04 दिसम्बर (हि. स.)। कोलकाता में राज्य निर्वाचन अधिकारी यानी सीईओ के दफ्तर के सामने गुरुवार को फिर माहौल गरम हो गया। बीएलओ अधिकार रक्षा समिति के सदस्य सुबह से ही वहां बैठकर नारे लगा रहे थे। इसी बीच कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड धकेलकर आगे बढ़ने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच हल्की धक्का-मुक्की हो गयी।
पिछले कई दिनों से तृणमूलपंथी मानी जाने वाली यह समिति सीईओ दफ्तर के सामने लगातार धरना दे रही है। सोमवार के बाद गुरुवार को फिर से स्थिति तनावपूर्ण हो उठी। प्रदर्शनकारियों के हाथों में प्लैकार्ड थे, जिन पर लिखा था कि बीएलओ पर जबरन डेटा एंट्री का अतिरिक्त काम थोपा जा रहा है, जो वे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे।
एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान राज्य में कई बीएलओ की मौत की खबरें सामने आयी थीं। परिवार का आरोप है कि काम के अत्यधिक दबाव की वजह से मौतें हुईं। इन्हीं मांगों को लेकर समिति के सदस्य सीईओ दफ्तर के बाहर बैठकर मृत बीएलओ के परिवारों को आर्थिक सहायता और परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे थे।
इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड के पास जाकर जोर-जबरदस्ती शुरू कर दी। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो स्थिति और बिगड़ गयी और धक्का-मुक्की की नौबत आ गयी।
सोमवार को भी ऐसी ही स्थिति बनी थी, जब विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सीईओ से मिलने पहुंचे थे। जैसे ही वे दफ्तर के सामने पहुंचे, बीएलओ समिति के सदस्य ‘गो बैक’ के नारे लगाने लगे और उनके साथ तीखी बहस भी हुई थी। गुरुवार को एक बार फिर बीएलओ का एक धड़ा पुलिस से उलझ पड़ा, जिससे पूरे इलाके में तनाव फैल गया।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

