भू-स्खलन जैसी आपदाओं से निपटने के लिए सेंसिंग और डाटा कलेक्शन तकनीक अपनाई जाए : डॉ. मानवेन्द्र सिंह
देहरादून, 30 नवंबर (हि.स.)। ग्राफिक एरा में विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं से प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सेसिंग तकनीकों पर कार्य करने का आह्वान किया।ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में लैण्डस्लाइड यूसिंग अर्थ अब्जर्वेशनल डाटा पर चल रही छह दिवसीय कार्यशाला का शनिवार को आखिरी दिन था। कार्यशाला के समापन सत्र को आईआरडीई के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. मानवेन्द्र सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि भू-स्खलन जैसी आपदा राज्य की स्थाई समस्या है। इससे निपटने के लिए जरूरी है कि प्रिडिक्शन मेथठ जैसे की सेंसिंग टेक्नोलॉजी व डाटा कलेक्शन तकनीक अपनाई जाये।
डॉ. सिंह ने बताया कि पहाड़ पर अक्सर बारिश होने के बाद भू-स्खलन होने के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं। इससे लोगों को यातायात में परेशानी होती है। इसके लिए जरूरी है कि भावी इंजीनियर्स इन समस्याओं को दूर करने के लिए नये उपाय खोजें।
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजय जसोला ने छात्र-छात्राओं से प्रिडिक्शन टूल व डाटा अब्जर्वेशनल जैसी तकनीकों पर शोध करने को कहा। कार्यशाला का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के सिविल इंजीनियरिंग और पेट्रोलियम इंजीनियरिंग ने इसरो के सहयोग से किया।
कार्यशाला में सिविल इंजीनियरिंग के एचओडी डॉ. के.के. गुप्ता,पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के एचओडी डॉ. विरेन्द्र बहादुर सिंह, संयोजक डॉ. के.एस.रावत, डॉ. अमित श्रीवास्तव और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार