विद्यालयी शिक्षा विभाग के दिव्यांग शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की होगी जांच
देहरादून, 5 दिसंबर (हि.स.)। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा विभाग के दिव्यांग शिक्षकाें के प्रमाणपत्राें की जांच कराई जाएगी। इसका गलत लाभ उठाने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित कर दी गई, जो केस-टू-केस के आधार पर शिक्षकों के दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की गहन जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएगी।
मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्रों का अनुचित लाभ उठाने वाले शिक्षकों के खिलाफ जांच बैठा दी गई है। इसकी जांच के लिए माध्यमिक शिक्षा के निदेशक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की गई। यह समिति शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की गहन जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। उसी रिपोर्ट के आधार पर गलत लाभ लेने वाले शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी।
मंत्री बताया कि उच्च न्यायालय में योजित जनहित याचिका के क्रम में आयुक्त दिव्यांगजन ने राज्य चिकित्सा परिषद के अपात्र 52 शिक्षकों की सूची जांच के लिए उपलब्ध कराई गई थी। जिसमें दाे प्रधानाध्यापक, 21 प्रवक्ता व 29 सहायक अध्यापक (एलटी) शामिल हैं। इन सभी शिक्षकों को विभागीय स्तर पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जिसके क्रम में 20 प्रवक्ता और 9 सहायक अध्यापकों ने अपना जवाब विभाग को उपलब्ध करा दिया है।
मंत्री ने बताया कि गलत तरीके से आरक्षण का लाभ उठाने वाले शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कार्मिकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर अन्य कार्मिकों के भी प्रमाण पत्रों की पृथक जांच से की जाएगी। उन्होंने राज्य में राज्याधीन सेवाओं में दिव्यांगजनों को आरक्षण दिये जाने का प्रावधान लागू है,जो विद्यालयी शिक्षा विभाग की नियुक्तियों एवं पदोन्नतियों पर भी समान रूप से प्रभावी है। विभाग की ओर से समय-समय पर की गई नियुक्ति एवं पदोन्नति में विभिन्न नियमों के अनुरूप दिव्यांगजनों को आरक्षण प्रदान किया जाता रहा है। लेकिन कतिपय शिक्षकों की ओर से दिव्यांगता के आधार पर गलत लाभ उठाया जाना चिंताजनक है, मामलों की गहन व पारदर्शी जांच पर दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की पुष्टि की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

