यूजेवीएनएल बोर्ड ने भ्योल रुपसियाबगड़ परियोजना सहित कई प्रस्तावों को दी मंजूरी
देहरादून, 04 दिसंबर (हि.स.)। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के निदेशक मंडल की 131वीं बोर्ड बैठक में गुरुवार को सरकारी भ्योल रुपसियाबगड़, मोरी त्यूणी, सेला उर्थिंग जल विद्युत परियोजना सहित कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल ने बताया कि राज्य में ऊर्जा उत्पादन को गति देने के लिए बैठक में प्रस्तावित 120 मेगावाट क्षमता की सरकारी भ्योल रुपसियाबगड़, 102 मेगावाट की मोरी त्यूणी और 114 मेगावाट की सेला उर्थिंग जल विद्युत परियोजनाओं से संबंधित विभिन्न प्रस्तावों को आवश्यक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसी क्रम में सरकारी भ्योल रुपसियाबगड़ परियोजना के विद्युत यांत्रिक कार्यों की पुनरीक्षित लागत भी शामिल है। परियोजनाओं के निर्माण से प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में काफी सुधार होगा और राज्य को ऊर्जा प्रदेश बनाने में सहयोग प्राप्त होगा।
डॉ.सिंघल ने बताया कि निदेशक मंडल ने निगम के परिचालन के अंतर्गत विद्युतगृहों और अन्य घटकों को वर्ष 2026-27 के लिए बीमित करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसी के साथ 1907 में स्थापित 3.5 मेगावाट की गलोगी लघु जल विद्युत परियोजना के आर.एम.यू. के पश्चात कैपिटल संशोधित टैरिफ के लिए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। ग्यारह वृहद जल विद्युत परियोजनाओं के टैरिफ पिटिशन के विचलन की ओर से स्वीकृत प्रस्ताव का भी संज्ञान निदेशक मंडल की ओर से बैठक में लिया गया।
बैठक में मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन एवं अध्यक्ष यूजीवीएन लिमिटेड आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव ऊर्जा डॉ.आर.मिनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव वित्त हिमांशु खुराना के साथ ही इंदु कुमार पांडेय, बी.पी.पांडेय, पराग गुप्ता, प्रबंध निदेशक यूजेवीएन लिमिटेड डॉ.संदीप सिंघल, प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी.ध्यानी, निदेशक परियोजनाएं सुरेश चन्द्र बलूनी, निदेशक परिचालन ए.के.सिंह, अधिशासी निदेशक वित्त सुधाकर बडोनी सहित उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

