राज्यपाल ने किया डॉ. चिन्मय पंड्या को डी.लिट. की उपाधि से सम्मानित
हरिद्वार, 29 नवंबर (हि.स.)। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या को डी. लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि डॉ. पंड्या को यह सम्मान उनके विभिन्न क्षेत्र में किए गए योगदानों के लिए दिया गया। डॉ. पण्ड्या विश्वभर में आध्यात्मिक जागरूकता लाने, योग और ध्यान के प्रचार-प्रसार, वैदिक संस्कृति, मूल्यों और परंपराओं के संरक्षण एवं प्रोत्साहन, महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों, युवाओं में कौशल का संचार करने, पर्यावरण संरक्षण, स्थायी जीवनशैली को बढ़ावा देने, मूल्य आधारित शिक्षा के प्रसार और वैश्विक संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अध्यात्म एवं संस्कृति का संदेश फैलाने में विगत कई वर्षों से जुटे हैं।
उन्होंने शिक्षा, समाजसेवा और व्यक्तिगत विकास के क्षेत्र में अपार योगदान दिया है। वे न केवल शैक्षिक क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हैं, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक दृष्टिकोण से भी विद्यार्थियों और समग्र समाज को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। उनके द्वारा दिए गए मार्गदर्शन ने कई छात्रों और पेशेवरों को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया है।
उल्लेखनीय है कि डॉ. प्रणव पंड्या व उनके पुत्र डॉ. चिन्मय पंड्या के नेतृत्व में गायत्री परिवार ने सामाजिक और आध्यात्मिक नवोत्थान के विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर कार्य किया है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरणादायक है।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला