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नवाचार से उत्तर प्रदेश के किसान हो रहे समृद्ध

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नवाचार से उत्तर प्रदेश के किसान हो रहे समृद्ध


लखनऊ, 15 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में खेती अब परंपरागत ढर्रे से निकलकर आधुनिक, तकनीक आधारित और लाभकारी मॉडल की ओर तेजी से बढ़ रही है। फसल पुनर्चक्रण, टिश्यू कल्चर तथा सहकारिता आधारित खेती प्रदेश में प्रचलित है, जिसे सरकारी प्रोत्साहन मिलने से किसानों की आय बढ़ी है। वह न केवल खेती को एक व्यवस्थित उद्यम के रूप में स्थापित कर रहे हैं बल्कि उनकी उन्नत फसलें नए बाजारों में भी अपनी पैठ बना रही हैं।

सहकारिता व बटाई मॉडल ने दी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ताकतप्रदेश के प्रगतिशील किसानों के लिए बाराबंकी के पद्मश्री रामसरन वर्मा रोलमॉडल हैं। पिछले 32 वर्षों से वह प्रगतिशील खेती कर रहे हैं। उनका मानना है कि खेती में नवाचार, टिश्यू कल्चर तथा फसल पुनर्चक्रण जैसी विधाओं को अपनाए बिना लघु व सीमांत किसानों की आय बढ़ाना कठिन है। रामसरन वर्मा कहते हैं कि खेती को अगर वैज्ञानिक तरीके से किया जाए और अलग-अलग फसलों का संतुलित चक्र अपनाया जाए, तो जोखिम कम होता है और आमदनी के कई स्रोत बनते हैं। उनके अनुभव के अनुसार, सहकारिता और बटाई मॉडल ने छोटे किसानों को भी बड़े स्तर पर खेती से जोड़ने का अवसर दिया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिली है।

भूमि की उर्वरता भी होती है सुरक्षितउत्तर प्रदेश में अब कई किसान एकल फसल की बजाय विविध फसलों के चक्र पर आधारित खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं। केला, टमाटर, आलू, मेंथा, तरबूज, खरबूजा और गेहूं जैसी फसलों का संतुलित चक्र अपनाने से उत्पादन बढ़ा है और भूमि की उर्वरता भी बनी हुई है। प्रदेश विभिन्न प्रकार की फसलों को मिले सरकारी प्रोत्साहन से किसानों को बेहतर उत्पादन और बाजार मिला है। साथ ही, किसानों को उन्नत बीज, सिंचाई व आधुनिक तकनीक आधारित संसाधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ड्रोन व एआई के जरिए फसलों का निरीक्षण व त्वरित समाधान किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसका सीधा लाभ छोटे और सीमांत किसानों को हुआ है, जिनकी आय में उल्लेखनीय सुधार देखा जा रहा है।

प्रदेश सरकार की नीतियों ने दी नई दिशाटिश्यू कल्चर केले को बढ़ावा देकर किसानों को रोगमुक्त पौधे, बेहतर पैदावार और स्थिर आमदनी का विकल्प मिला है। किसान सम्मान निधि ने खेती की आर्थिक नींव को मजबूत किया है, जबकि एसपीओ के माध्यम से कृषि यंत्रों पर छूट, बीजों पर अनुदान और आधुनिक तकनीक तक पहुंच ने लागत को कम किया है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को उपलब्ध कराए गए बड़े बाजार और डिजिटल भुगतान व्यवस्था ने उनकी आर्थिक सुरक्षा को और मजबूत किया है। रामसरन वर्मा का कहना है कि समय पर भुगतान और सरकारी सहयोग ने किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। जब किसान मजबूत होगा, तभी प्रदेश आगे बढ़ेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन