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शरीर के अलग अलग अंगों में होने वाले दर्द के कारण व उपचार पर हुई कार्यशाला

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शरीर के अलग अलग अंगों में होने वाले दर्द के कारण व उपचार पर हुई कार्यशाला


शरीर के अलग अलग अंगों में होने वाले दर्द के कारण व उपचार पर हुई कार्यशाला


शरीर के अलग अलग अंगों में होने वाले दर्द के कारण व उपचार पर हुई कार्यशाला


शरीर के अलग अलग अंगों में होने वाले दर्द के कारण व उपचार पर हुई कार्यशाला


लखीमपुर खीरी, 10 मई (हि.स.)। मेडिकल कालेज देवकली में शनिवार को पेन मैनेजमेन्ट (दर्द निवारण) कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा शरीर के अलग-अलग अंगों में हाने वाले दर्द के कारण व उनके उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य प्रो. डॉ वाणी गुप्ता ने की। इस दौरान सीएमएस जिला महिला चिकित्सालय डॉ ज्योति मेहरोत्रा व सीएमएस जिला पुरुष चिकित्सा डॉ आरके कोली मौजूद रहे।

पेन मैनेजमेंट कार्यशाला में केजीएमयू लखनऊ से आयी एनेस्थेटिक विभाग की प्रो० डा० सरिता सिंह ने क्राॅनिक पेन मैनेजमेंट इन कैंसर पर बोलते हुए कहा कि कैंसर के दौरान होने वाले दर्द को नियंत्रित करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें दवाएं, शारीरिक उपचार और मनोवैज्ञानिक तकनीके शामिल हैं। दर्द के स्रोत के आधार पर ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी या कीमोथैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान जोड़ों में होने वाले दर्द (ज्वाइंट पेन अर्थराइटिस) विषय पर एमडी एसजीपीजीआई लखनऊ प्रो डॉ राखी गुप्ता ने बताया कि, गठिया या जोड़ों के दर्द के कई कारण हो सकते है। जिससे कई बार बहुत अधिक पीड़ा होने लगती है और लोग सर्जरी के बारे में विचार करने लगते है, परन्तु आज ऐसी दवाएं व तकनीक उपलब्ध है जिससे बिना सर्जरी भी इनका इलाज सम्भव है, बस जरूरत है कि आप इसे लेकर सही चिकित्सक के पास पहुंचें। जिससे इलाज की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकें।

इस दौरान प्रधानाचार्य प्रो. डॉ वाणी गुप्ता ने सभी अतिथि चिकित्सकों का धन्यवाद कहते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशाला से छात्रों के साथ-साथ मेडिकल कालेज में काम कर रहे चिकित्सकों को भी बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता है यह आयोजन इस लिए भी महत्वपूर्ण है चूंकि आज शरीर के अलग-अलग अंगों में होने वाले दर्द से बुर्जुग और नौजवान सहित करीब-करीब हर घर में ऐसे मरीज मिल जायेगें। यह जागरूकता मेडिकल फील्ड में आम लोगों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। कार्यशाला का आयोजन प्रधानाचार्य प्रो. डॉ वाणी गुप्ता के निर्देश पर वरिष्ठ निश्चेतक डॉ सन्तोष कुमार मिश्रा के द्वारा करवाया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ इन्द्रेश रजावत ने किया। इस दौरान डॉ जयराम, डॉ श्वेता, डॉ अरविन्द दीक्षित, डॉ अर्पणा दीक्षित सहित मेडिकल कालेज के चिकित्सक व छात्र उपस्थित रहे।

मंच पर मरीज ने बताया अपना दर्द और उपचार

कार्यशाला के दौरान हड्डी से नस दबने के कारण कान के निचले हिस्से में दर्द से प्रभावित मरीज मुकुट बिहारी शुक्ला ने बताया कि उनके सिर पर भारी बोरी गिर गयी थी जिससे उन्हें कई सालों से दर्द की शिकायत है। उन्हें ग्लासों फेरेन्जीयल न्यू रेल्जिय बीमारी है और वह 1992 से इस तकलीफ से प्रभावित हैं। मेडिकल कालेज ओयल खीरी में ईएनटी सर्जन डॉ मनोज शर्मा द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है, जिससे उन्हें काफी राहत मिली है। ईएनटी सर्जन डॉ मनोज शर्मा ने बताया कि इसे टम्पेरी ब्लाक करके इलाज शुरू किया गया है जरूरत पड़ने पर आगे की चिकित्सकीय विधि को अपनायी जायेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / देवनन्दन श्रीवास्तव