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सीतापुर के एलिया गांव में वर्षों बाद दिखे गिद्ध, दुर्लभ पक्षियाें को देखने उमड़े ग्रामीण

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सीतापुर के एलिया गांव में वर्षों बाद दिखे गिद्ध, दुर्लभ पक्षियाें को देखने उमड़े ग्रामीण


लंबे समय से घटती चली आ रही है गिद्धों की संख्या

सीतापुर , 7 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में प्राकृतिक विरासत और पर्यावरण संरक्षण के लिए खुशखबरी लेकर है। रविवार को सीतापुर जिले के ऐलिया गांव में कई वर्षों बाद गिद्धों का झुंड दिखाई दिया। लंबे समय से क्षेत्र में गिद्धों की संख्या लगातार घट रही थी, ऐसे में अचानक इन दुर्लभ पक्षियों का दिखाई देना ग्रामीणों में उत्सुकता और रोमांच का विषय बन गया।

गांव निवासी संतोष सिंह एवं विजय कश्यप ने बताया कि रविवार की सुबह खेतों की तरफ जाते समय कुछ ग्रामीणों ने पहले दो गिद्ध देखे, इसके बाद शाम 4 बजे के आसपास पेड़ों और खेतों में कई अन्य गिद्ध भी मंडराते नजर आए। सूचना फैलते ही गांव के लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई वर्षों बाद इन दुर्लभ पक्षियाें को देखने के लिए आतुर रहा । पक्षी प्रेम में उत्साहित कुछ नवयुवक अपने मोबाइल में गिद्धों के झुंड का वीडियो बनाते देखे गए।

गिद्ध आमतौर पर स्वच्छता चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन खानपान में बदलाव, रासायनिक दवाओं के उपयोग और पर्यावरणीय असंतुलन के कारण इनकी संख्या में भारी गिरावट आई है। ऐसे में ऐलिया गांव में इनका दिखना क्षेत्र के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

स्थानीय वन विभाग को भी ग्रामीणों ने इसकी सूचना दे दी है। वन रेन्जर हरगांव परिक्षेत्र बीनू ने बताया कि आज शाम जानकारी मिली है कि गिद्ध यहां दिखाई दे रहे हैं तो संभव है कि आसपास के वातावरण में सुधार या भोजन की उपलब्धता बढ़ी हो। उन्होंने बताया कि वे जल्द ही क्षेत्र का सर्वे कर गिद्धों की संख्या और उनकी गतिविधियों पर रिपोर्ट तैयार करेंगे।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने बचपन में गिद्धों को बहुत देखा था, लेकिन पिछले कई वर्षों से ये पक्षी लगभग गायब हो चुके थे। आज का दृश्य देखकर उन्हें पुराने दिन याद आ गए। ऐलिया गांव में गिद्धों का दिखना न केवल पर्यावरण प्रेमियों के लिए उत्साह का विषय है, बल्कि यह भी संकेत है कि प्रकृति अभी भी खुद को पुनर्जीवित करने की क्षमता रखती है—बस जरूरत है संरक्षण और संवेदनशीलता की।

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हिन्दुस्थान समाचार / Mahesh Sharma