वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे का बीएचयू में अभिनन्दन,प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके हैं सराहना
वाराणसी,05 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के भारत अध्ययन केन्द्र में शुक्रवार अपरान्ह शुक्ल यजुर्वेद माध्यन्दिन शाखा के दण्डक्रम पारायण कर्ता वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे का अभिनंदन किया गया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रो.राजाराम शुक्ल ने कहा कि वैदिक परम्परा का संरक्षण अत्यन्त आवश्यक है। जिसको वेदमूर्ति देवव्रत लगातार कर रहे है। इस माध्यम से भारतीय ज्ञान परम्परा तथा मेधा शक्ति के महत्व को युवाओं तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
सारस्वत अतिथि आचार्य राममूर्ति चतुर्वेदी ने कहा कि वेदमन्त्र के अध्येता का सम्मान वस्तुतः वेदपुरुष का सम्मान है। इसको साक्षात् नारायण का सम्मान माना जाता है। जो वेद का अध्ययन करता है उसको उसके अर्थ का ज्ञान भी होना चाहिए। विशिष्ट अतिथि प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से भारतीय युवाओं की पारम्परिक विद्याओं के प्रति आस्था और अधिक दृढ़ होती है। सम्पूर्ण माध्यन्दिन शुक्लयजुर्वेद संहिता का दण्डक्रमपारायण प्रमाणित करता है कि आज भी प्राचीन ऋषि परम्परा सदृश भारतीय मेधा सुरक्षित है। इस अवसर पर वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे को सम्मानित किया गया। अभिनन्दन पत्र कला संकाय प्रमुख प्रो. सुषमा घिल्डियाल तथा भारत अध्ययन केन्द्र के समन्वयक आचार्य सदाशिव कुमार द्विवेदी ने प्रदान किया। अभिनन्दन पत्र का वाचन प्रो. माधव जनार्दन रटाटे ने किया। इस कार्यक्रम में देवव्रत ने दण्डक्रम से वेदपाठ प्रस्तुत किया। उनके पिता महेश रेखे ने पुत्र के वेदाध्ययन क्रम को तथा वेद के महत्व को बताया।
अतिथियों का स्वागत प्रो. सदाशिव कुमार द्विवेदी, संचालन डा. पवन कुमार पाण्डेय ने किया। भारत अध्ययन के केन्द्र में संचालित पूजा पुरोहित पाठ्यक्रम के संयोजक डा. नारायण प्रसाद भट्टराई ने धन्यवाद ज्ञापन किया। फिजी एवं त्रिनिदाद एवं टोबेगो से आए पूजा पुरोहित पाठ्यक्रम के प्रतिभागियों ने भी वेदपाठ की परम्परा को सस्वर प्रस्तुत किया।
बताते चले वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे की सराहना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोशल मीडिया के जरिए कर चुके है। प्रदेश के मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने काशी तमिल संगमम के चौथे संस्करण के उद्घाटन समारोह में देवव्रत का सम्मान किया था।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

