आईआईटी कानपुर में भूकंप प्रतिरोधी संरचनाओं पर हुआ मंथन

कानपुर, 11 मार्च (हि.स.)। भारतीय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) में नेशनल इनफार्मेशन सेंटर ऑफ अर्थक्वेक इंजीनियरिंग (एनआईसीईई) द्वारा टीचिंग अर्थक्वेक-रेजिस्टेंट स्ट्रक्चर इन अंडरग्रेजुएट आर्किटेक्चर डिजाइन स्टूडियो विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन किया गया। कार्यशाला में देशभर के आर्किटेक्चर कार्यक्रमों के संकाय सदस्यों को एक साथ लाया गया, जिसका उद्देश्य भूकंप-प्रतिरोधी डिज़ाइन के लिए शिक्षण पद्धतियों को आगे बढ़ाना था। व्यावहारिक अनुप्रयोग पर ज़ोर देने के साथ, इस कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को स्नातक पाठ्यक्रम में भूकंप-प्रतिरोधी डिज़ाइन सिद्धांतों को एकीकृत करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान किया गया।
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता आईआईटी कानपुर के पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रोफेसर जावेद एन मलिक ने करते हुए कहा कि नेशनल इनफार्मेशन सेंटर ऑफ अर्थक्वेक इंजीनियरिंग (एनआईसीईई) की महत्वपूर्ण पहल के लिए अपनी सराहना व्यक्त की और मौजूद समय में भूकंप इंजीनियरिंग के संबंध में प्रासंगिक चर्चाओं में शामिल होने के महत्व को रेखांकित किया। कार्यशाला के दौरान, प्रतिभागियों ने तकनीकी व्याख्यानों और डिजाइन स्टूडियो सत्रों में भाग लिया, तथा अपनी वास्तुकला परियोजनाओं में भूकंपरोधी रणनीतियों का इस्तेमाल करने के बारे में विशेषज्ञाेंं से मार्गदर्शन प्राप्त किया।
प्रो. दुर्गेश राय ने कार्यशाला के उद्देश्य पर जोर देते हुए कहा कि भूकंप सुरक्षा में आर्किटेक्ट्स को प्रमुख हितधारकों के रूप में शामिल किया जाए। उन्होंने भूकंपीय सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने के लिए निर्माण क्षेत्र के भीतर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एनआईसीईई की प्रतिबद्धता दोहराई।
प्रो. केया मित्रा ने इस तरह के फैकल्टी डेवलपमेंट पहलों के महत्व पर प्रकाश डाला, इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आकार देने में राष्ट्रीय भूकंप इंजीनियरिंग शिक्षा कार्यक्रम (एनपीईईई) की आधारभूत भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने संकाय नेटवर्क को व्यापक बनाने में नेशनल इनफार्मेशन सेंटर ऑफ अर्थक्वेक इंजीनियरिंग (एनआईसीईई) की भूमिका पर जोर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप