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मोदी-योगी सरकार ने पूरा किया अंबेडकर का सबका साथ-सबका विकास का सपना : प्रकाश पाल

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मोदी-योगी सरकार ने पूरा किया अंबेडकर का सबका साथ-सबका विकास का सपना : प्रकाश पाल


कानपुर, 06 दिसंबर (हि.स.)। भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की सोच और उनके कार्यों को पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब गरीबों, वंचितों और पिछड़ों को समाज में न केवल बराबरी का अधिकार बल्कि समान सुविधा भी प्राप्त हो रही हैं। ये बातें शनिवार को भाजपा कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कही।

भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि के अवसर पर केशव नगर स्थित भाजपा दक्षिण कार्यालय में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल एवं जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह ने डॉ अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रकाश पाल ने कहा कि बाबा साहब डॉ अंबेडकर न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के दलितों, वंचितों और शोषितों की आवाज हैं। उन्होंने विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए विश्व का सबसे बड़ा संविधान बनाकर नए युग का सूत्रपात किया है। उन्होंने ना केवल समाज के वंचित, दलितों और पिछड़ों को विशेष दर्जा दिलाया बल्कि उन्हें समान अवसर उपलब्ध कराने का रास्ता भी बनाया। बाबा साहब ने कहा था कि जब तक उन्हें पूरी तरह समानता का अवसर प्राप्त नहीं होता तब तक यह कार्य जारी रहना चाहिए। आज पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी बाबा साहब की इसी सोच और कामों को आगे बढ़ा रहे हैं। बाबा साहब सामाजिक समरसता के प्रवर्तक एवं महान चिन्तक भी थे। निर्धन, दलित, कमजोर, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को समाज में समुचित स्थान व सम्मान दिलाने के लिए उन्होंने संविधान में तमाम प्रावधान किए थे। वह कहते थे कि ज्ञान का विकास ही मनुष्य का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।

दक्षिण जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह कहा कि भारत का संविधान केवल न्यायिक या वैधानिक दस्तावेज मात्रा नहीं है, बल्कि वह देश की जनता की आशाओं एवं आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने वाला दस्तावेज है। भारत का संविधान सर्वश्रेष्ठ एवं विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ भीमराव अंबेडकर की याद में पंच तीर्थ बनाकर संविधान निर्माता को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। भारतीय संविधान भारत के लोकतंत्र का मूल आधार है। संविधान निर्माताओं ने भारतीय जीवन मूल्यों की मान्यताओं, आधुनिक शासन और भविष्य की आशाओं तथा आकांक्षाओं की पूर्ति को ध्यान में रखकर संविधान का निर्माण किया था।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप