प्रियाकान्तजु मंदिर पर हाइड्रोलिक पिचकारी से बरसा टेसू का रंग


लड्डू-जलेबी, लठामार, फूलों की होली के बाद हुई रंग-गुलाल की होली
होली सनातनी त्यौहार, नशा करके इसका मान न गिरायें : देवकीनंदन महाराज
मथुरा, 13 मार्च(हि.स.)। वृन्दावन नगर के ठा. श्री प्रियाकान्तजु मंदिर पर गुरुवार दोपहर भव्य होली खेली गयी। यहाँ सात प्रकार की होलियों के रंगों में हर कोई मस्ती में झूमता नजर आया। देवकीनंदन महाराज ने हाइड्रोलिक पिचकारी से टेसू के रंग बरसाये तो मंदिर प्रांगण में केसरिया छटा छा गयी । राधा-कृष्ण स्वरूपों के साथ मधुर भजनों पर नाचते-गाते हजारों श्रद्धालुओं ने गोप-ग्वाल बनकर द्वापर युगीन परम्परा को साकार कर दिया। मंदिर पर सभी से नशामुक्त होकर होली का त्यौहार मनाने की अपील की गयी।
गुरूवार दोपहर को छटीकरा मार्ग स्थित ठा. श्रीप्रियाकान्तजु मंदिर पर प्रातः देवकीनंदन महाराज ने राधा-कृष्ण विग्रह को गुलाल लगाकर होली का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही देश के विभिन्न स्थानों से आये श्रद्धालुओं के बीच गुलाल उड़ने लगा । मंदिर प्रांगण में बने मंच पर लोक कलाकारों ने ब्रज की होरी रसिया का गायन किया । वहीं राधा-कृष्ण स्वरूपों के साथ गोपी-ग्वाल बनकर कलाकारों ने हास-परिहास करते हुये कृष्ण लीला प्रस्तुत की । देवकीनंदन महाराज ने भक्तों में लड्डू-जलेबी लुटाये वहीं लठामार होली के बाद फूलों की होली खेली गयी। मधुर भजनों पर नाचते गाते श्रद्धालुओं पर उड़ते रंग-बिरंगे गुलाल ने सतरंगी छटा बिखेर दी । होली खेल सलोनी नार....रसिया बरस दिना में आयो.....आज ब्रज में होरी रे रसिया....., होरी में श्याम रंग डारे...भर-भर पिचकारी मारे...., जैसे गीतों पर भक्त देर तक नृत्य करते रहे। इसके बाद देवकीनंदन महाराज ने भक्तों पर हाइड्रोलिक पिचकारी से टेसू का रंग डाला, जिसमें भीगते श्रद्धालुओं ने राधे-राधे के जयकारे लगाते हुये ब्रज की होली मनायी। देवकीनंदन महाराज ने कहा कि होली हमारा सनातनी त्यौहार है, शराब आदि का नशा करके इसके सम्मान को खराब न करें । सनातनी त्यौहारों, तीर्थों और परम्पराओं की सुरक्षा के लिये सनातन बोर्ड बनवाना आवश्यक है। उन्होने कहा कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण एवं स्वच्छ यमुना ब्रजवासियों का अधिकार है, हम इसके लिये प्रयास करते रहेंगे । मंदिर सचिव विजय शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त करते हुये सभी को होली की शुभकामनाएं दीं ।
हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार