1971 के युद्ध की आंखों देखी बयान करते हुए भावुक हुए नायब सूबेदार

हमीरपुर 7 मई (हि.स.)। बुधवार को पाकिस्तान से 1971 की लड़ाई के गवाह रहे हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कस्बा निवासी नायब सूबेदार शिवकुमार तिवारी ने बताया कि युद्ध की घोषणा होने पर वह अंबाला से 12 अक्टूबर 1971 को पाकिस्तान बॉर्डर के लिए रवाना हुए थे। पूरी यूनिट के साथ फतेहगढ़ चूड़ियां पंजाब बॉर्डर पर रुपावली गांव पहुंचे थे। जो बॉर्डर से करीब दस किमी दूर था।
6 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत पर हवाई हमला किया था। जिसका देश के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। 12 दिन तक चले युद्ध के बाद 17 दिसंबर 1971 को सीज फायर की घोषणा की गई थी। उन्होंने बताया कि वह 28 जनवरी 1970 में फौज में भर्ती हुए थे। हैदराबाद में ट्रेनिंग करने के पश्चात पहली पोस्टिंग अप्रैल 1971 में अंबाला में हुई थी। इसी वर्ष पाकिस्तान से हुए युद्ध में देश ने विजय हासिल की थी। बताया कि उस समय वह ऑपरेटर रेडियो आर्टिलरी में सिपाही के रूप में काम कर रहे थे। उनका कहना है कि किसी भी देश के लिए युद्ध अच्छा नहीं है। इससे जन और धन दोनों की हानि होती है। लेकिन आतंकवाद को किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। भारत सरकार ने जो निर्णय किया है वह बहुत अच्छा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा