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अटल सभागार के रूप में खीरी कलेक्ट्रेट को मिली नई पहचान

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अटल सभागार के रूप में खीरी कलेक्ट्रेट को मिली नई पहचान


अटल सभागार के रूप में खीरी कलेक्ट्रेट को मिली नई पहचान


लखीमपुर खीरी, 5 मई (हि.स.)। जनपद में कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पुराने सभागार का नवीनीकरण (सौंदर्यीकरण) कार्य पूर्ण हो गया है। सोमवार को जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने प्रशासनिक अफसरों और कलेक्ट्रेट कर्मियों के साथ नवपरिवर्तित सभागार में प्रवेश किया और इसे अटल सभागार के नाम से जनता को समर्पित किया। यह नामकरण भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में किया गया है।

जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि 'अटल सभागार' केवल एक भवन नहीं, बल्कि जनपद प्रशासन की कार्य संस्कृति और विचारशीलता का प्रतीक बनेगा। यह स्थान नीतियों के निर्माण, योजनाओं की समीक्षा और जनता से जुड़ी संवेदनशील चर्चाओं का केंद्र बनेगा। ठीक वैसे ही जैसे अटल जी का जीवन संवाद, समाधान और समर्पण का प्रतीक रहा। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट परिवार का उत्साह देखने लायक था। उन्होंने कलेक्ट्रेट कर्मियों को मिठाई खिलाई और सभी को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।

आधुनिकता और सांस्कृतिक गौरव से सजा अटल सभागार

पुनरुद्धार के बाद 'अटल सभागार' न केवल तकनीकी दृष्टि से आधुनिक बना है, बल्कि इसमें सांस्कृतिक और ऐतिहासिक चेतना का भी समावेश किया गया है। सभागार को अत्याधुनिक साउंड सिस्टम, आकर्षक साज-सज्जा, वातानुकूलन और सुविधाजनक बैठक व्यवस्था से सुसज्जित किया गया है। इससे यह प्रशासनिक बैठकों, प्रशिक्षणों और गोष्ठियों के लिए आदर्श मंच बन गया है। इसके साथ ही सभागार को जनपद की पहचान से भी जोड़ा गया है। इसमें दुधवा नेशनल पार्क, ऐतिहासिक मेढक मंदिर, गोला गोकरननाथ (छोटी काशी) जैसे प्रमुख स्थलों तथा महापुरुषों की भव्य फोटो गैलरी भी स्थापित की गई है। यह पहल सभागार को केवल एक प्रशासनिक स्थल नहीं, बल्कि जनपद की सांस्कृतिक विरासत और प्रेरणा का केंद्र भी बनाती है।

इनकी रही मौजूदगी

कार्यक्रम में एडीएम संजय कुमार सिंह, एडीएम (न्यायिक) अनिल रस्तोगी, एसडीएम अमिता यादव, एसओसी संजय आनंद, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट शिव प्रकाश सक्सेना, प्रशासनिक अधिकारी मो. सलीम, सुधीर सोनी, विवेक सक्सेना, सुरेश कुमार, सुरेश वर्मा सहित बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने नवपरिवर्तित सभागार की सराहना करते हुए इसे प्रशासनिक कार्यसंस्कृति के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

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हिन्दुस्थान समाचार / देवनन्दन श्रीवास्तव