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अजीतमल कवि सम्मेलन : कवियाें ने देशभक्ति से लेकर राजनीति की कविताओं से बांधा समां

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अजीतमल कवि सम्मेलन : कवियाें ने देशभक्ति से लेकर राजनीति की कविताओं से बांधा समां


औरैया, 5 नवंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के अजीलमल के जनता महाविद्यालय में मंगलवार की रात्रि आयाेजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के चर्चित कवियों ने अपनी कविताओं से देश और समाज के हर पहलू को छुआ। देशभक्ति से लेकर राजनीति से जुड़ी कविताओं को सुनकर श्रोता भाव विभोर हाे गए। पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।

मां सरस्वती की वंदना से कवि सम्मेलन का का शुभारंभ आगरा से आई प्रसिद्ध कवयित्री योगिता चौहान ने “साधना गीत” एवं “वीणा धारी जय मातु शारदे” की प्रस्तुति से किया। इसके उपरांत कवयित्री रचना त्रिपाठी ने समाज के विघटन और जातिगत विषमता पर प्रहार करते हुए जब पंक्तियां सुनाईं- “जातियों का ज़हर बो दिया, भाई ने भाई को खो दिया, नहीं पद्मिनी मत कूदो अंगारों में” सुनकर सभागार तालियों से गूंज उठा।

डॉ. राजीव राज ने जीवन दर्शन और मानवता का बोध कराते हुए कहा कि “सिर्फ इक फूल के मानिन्द जिंदगानी है, चार छह रोज से ज्यादा नहीं कहानी है। गीत मकरंद हैं महकेंगे हमेशा यारो, सांस की पांबुरी तो सूख के झर जानी है।”

सतीश मधुप ने राष्ट्रप्रेम की अग्नि प्रज्वलित करते हुए कहा कि “केसरिया पावक सा पावन अग्नि नहीं फुंकने देना, हरा रंग हरियाली वाला चक्र नहीं रुकने देना, मां की चादर श्वेत वर्ण की इस पर दाग न लग पाए, मंदिर-मस्जिद के झगड़े में झंडा मत झुकने देना।”

युवा ओज कवि रोहित चौधरी ने वीररस की कविता “धरती का कण-कण बोले अब भारत मां की जय, दुश्मन भी थर्राने लगे सुनकर रणधुन वैभवमय “ सुनाई। कवि सम्मेलन में औरैया की सुप्रसिद्ध कवयित्री गीता चतुर्वेदी ने माहाैल बदलते हुए अपनी श्रृंगार रस की प्रस्तुति दी- ”एक पल को भी पलकें झुकानी नहीं, जब तलक आंख मिलती सुहानी नहीं।”

इसके बाद श्राेताओं काे लाेटपाेट करते हुए हास्य कवि दीपक शुक्ला ‘दनादन’ ने अपने व्यंग्य और चुटीले अंदाज़ से सभागार को ठहाकों से भर दिया। कवि सबरस मुरसानी ने ओज और हास्य का समावेश करते हुए जोशीले स्वर में कहा कि “ऊंचा है हिन्द गगन से, जोशीला पवन अगन से, मत उलझो मेरे वतन से, नहीं तो मर जाओगे कसम।”

कवि सम्मेलन का समापन पुनः कवयित्री योगिता चौहान की श्रृंगारिक रचना से हुआ - “अब निभाएं नहीं वो तो मैं क्या करूं, अब सताएं नहीं वो लो मैं क्या करूं।” कार्यक्रम का संचालन प्रबंध समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील कुमार दुबे एडवाेकेट ने किया, जबकि महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅक्टर अरविंद कुमार शर्मा ने सभी कवियों का सम्मानित करते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार