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काशी तमिल संगमम 4.0: कथक नृत्य में प्रथम प्रस्तुति गंगा स्तुति देख तमिल मेहमान अभिभूत

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काशी तमिल संगमम 4.0: कथक नृत्य में प्रथम प्रस्तुति गंगा स्तुति देख तमिल मेहमान अभिभूत


काशी तमिल संगमम 4.0: कथक नृत्य में प्रथम प्रस्तुति गंगा स्तुति देख तमिल मेहमान अभिभूत


—सांस्कृतिक संध्या में काशी और तमिलनाडु के कलाकारों ने समा बांधा

वाराणसी, 08 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में चल रहे काशी तमिल संगमम के चौथे संस्करण की सातवीं सांस्कृतिक निशा सोमवार को नमोघाट स्थित मुक्ता काशी प्रांगण में गायन,वादन,नृत्य के त्रिवेणी के रूप में सजी।

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज तथा दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, तंजावूर की ओर से आयोजित इस भव्य संध्या में काशी और तमिलनाडु के कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। संध्या की शुरुआत वाराणसी के डॉ. विजय कपूर एवं दल के लोकगायन से हुई। लोकगीतों और भजनों—धर्म अपना सनातन है, हे शंभु तुम्हारी इच्छा पर, उठते ही सुबह खुद से कुछ बात कीजिए और जीवन गुजर गया तो जीने का ढंग आया—की प्रस्तुति ने मंत्र को परवान चढ़ाया। इनके साथ संगत में पं. बलराम मिश्र (तबला), सुधीर कुमार गौतम (बांसुरी), संजय श्रीवास्तव (रिदम), तथा सहगायन में काजल तिवारी और सुहानी शुक्ला शामिल रहीं।

दूसरी प्रस्तुति में तमिलनाडु के डॉ. एस. ए. थनीकचलम ने पम्बई—देवी उपासना से जुड़ा पारम्परिक तमिल लोकवादन—की धुनों से दर्शकों को दक्षिण भारतीय लोक-संस्कृति का एहसास कराया। इसके बाद वाराणसी की अदिति जायसवाल एवं दल ने लोकनृत्य की प्रस्तुति दी, जिसमें नेहा चौहान, अरुंधति जायसवाल, साक्षी कटवर, अराध्या केशरी और सुरभि कश्यप ने रंग भरे। चौथी प्रस्तुति में वाराणसी की अनन्या सिंह एवं दल ने कथक नृत्य के माध्यम से सजीव भावनात्मक प्रदर्शन किया।

इसके उपरांत सुक्ला दत्ता एवं दल ने कथक की मनोहारी प्रस्तुति दी। गंगा स्तुति के साथ आरंभ हुई प्रस्तुति में मीरा भजन और तराना ने सबको बांधे रखा। मंच पर सुक्ला दत्ता अदाक, अनवेशा मुखर्जी, पारिजात गांगुली और श्रिया रॉय भी सम्मिलित रहीं। संध्या का समापन तमिलनाडु के एन.आनन्द वेलमुर्गन एवं दल की ऊर्जावान देवराट्टम लोकनृत्य प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसने पूरे कार्यक्रम में जोश और उत्साह का संचार कर दिया। संचालन सौरभ चक्रवर्ती ने किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी