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कल्याण कुम्भ आस्था ही नहीं सेवा, समर्पण एवं स्वावलंबन का भी बना आधार : असीम अरुण

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कल्याण कुम्भ आस्था ही नहीं सेवा, समर्पण एवं स्वावलंबन का भी बना आधार : असीम अरुण


लखनऊ, 10 मार्च (हि.स.)। कल्याण कुम्भ आस्था ही नहीं सेवा, समर्पण, स्वावलंबन का भी आधार बना। यह बातें सोमवार को समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने गोमती नगर स्थित भागीदारी भवन में कहीं।

उन्होंने कल्याण कुम्भ 2025 के सकुशल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में कहा कि श्रवण कुम्भ में वरिष्ठ जनों को करीब नौ हजार निःशुल्क कान की मशीन प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त समाज कल्याण के कैम्प में संचालित ओपीडी में परीक्षण के बाद वृद्धजनों को अन्य सहायक उपकरण भी प्रदान किए गए।

समाज कल्याण मंत्रालय के बनाए गए 125 बेड की क्षमता वाले अस्थाई वृद्धाश्रम में पूरे प्रदेश भर से वृद्धाश्रमों में निवास करने वाले वरिष्ठ जनों को कुम्भ लाकर अमृत स्नान कराया गया।

कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव वेंकटेश्वर लू ने महाकुम्भ के महात्म पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा इतना बड़ा आयोजन बिना सभी के सहयोग के संभव नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दीपक