नहर में पानी का इंतजार करते किसान, खेतों में पसरा सन्नाटा
– सिरसी बांध की चुप्पी से टेंशन में गांव
मीरजापुर, 10 जुलाई (हि.स.)। लालगंज तहसील के सिरसी बांध से निकलने वाली लहगंपुर राजवाहा नहर में पानी न छोड़े जाने से किसानों की धड़कनें तेज हो गई हैं। खेतों में नर्सरी तैयार खड़ी है, लेकिन पानी के बिना रोपाई की शुरुआत भी नहीं हो पा रही। ऐसे में धान की खेती पर संकट मंडराने लगा है।
लालगंज ब्लॉक के गगहरा, रेही, कोल्हुआ, फुचईपुर, मड़वा नवादा, कोठी भूसी, पथरहा, राजापुर, बेलही और दादर जैसे गांवों के किसान हर साल सिरसी नहर पर ही निर्भर रहते हैं। इस बार भी उम्मीदें नहर से थीं, लेकिन नहर खुद 'मौन व्रत' में बैठी है।
किसान जयशंकर तिवारी बताते हैं कि अगर समय पर पानी मिला होता तो अब तक पूरा रोपाई कार्य निपट चुका होता। वहीं महेंद्र कृपाशंकर, सुरेंद्र कुमार और अनिल शुक्ला समेत कई किसानों का कहना है कि बादल लगातार आंखमिचौली खेल रहे हैं, ऐसे में नहर की चुप्पी ने हालात और गंभीर बना दिए हैं।
नहर की चुप्पी को किसान विभागीय लापरवाही मान रहे हैं। उनका कहना है कि जब बांध में पर्याप्त पानी है तो नहर में पानी न छोड़ना समझ से परे है। किसान भगवान और उमेश शुक्ला ने कहा कि धान की रोपाई की यह सबसे अहम घड़ी है। अब देर हुई तो सीजन ही बिगड़ जाएगा।
इस बाबत सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता रामशंकर राजपूत ने कहा, “बांध का निरीक्षण किया जाएगा और हालात के मुताबिक जल्द ही नहर खोली जाएगी।”
कुल मिलाकर किसानों की उम्मीदें अब सरकारी दरवाजे की दस्तक पर टिक गई हैं। सवाल यह है कि क्या समय रहते नहर का ताला खुलेगा या फिर खेतों की हरियाली सिर्फ सपना बनकर रह जाएगी?
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

