कबाड़ बस को बना दिया रोजगार का जरिया
गोरखपुर, 15 दिसंबर (हि.स.)। जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) गोरखपुर ने कबाड़ बस को महिलाओं के लिए रोजगार का जरिया बना दिया है। डूडा के इस अभिनव प्रयोग से महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिल रहा है। डूडा ने गोरखपुर में दो कबाड़ बसों को पिंक टॉयलेट और कैफेटेरिया में तब्दील कर महिलाओं को आत्मनिर्भरता से जोड़ दिया है। इनमें से एक पिंक बस टॉयलेट और कैफेटेरिया का संचालन कर स्वावलंबी हुई रानी देवी औरों के लिए मिसाल बनीं हैं।
डूडा द्वारा यूपी रोडवेज से कबाड़ घोषित बस लेकर पिंक टॉयलेट बस एवं कैफेटेरिया का निर्माण कराया गया है। पिंक टॉयलेट बस में महिलाओं को बच्चों को दूध पिलाने के लिए फीडिंग एरिया, तीन शौचालय, एक वेस्टर्न शीट शौचालय बनवाया गया है। पीछे की तरफ हाथ धोने का स्थान तथा सबसे अंतिम में एक छोटे से कैफेटेरिया के लिए स्थान उपलब्ध कराया गया है। इस बस में बिजली सप्लाई के लिए सोलर सिस्टम तथा 500-500 लीटर क्षमता की दो टंकी लगाई गई है।
डूडा के परियोजना अधिकारी राजू कुमार बताते हैं कि नवाचार का यह अभिनव प्रयोग राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ मिलकर किया जा रहा है। वर्तमान में ऐसी दो बसों का संचालन कराया जा रहा है। एक पिंक टॉयलेट बस एवं कैफेटेरिया का संचालन कृपा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष रानी देवी कर रही हैं। वह नौका विहार गेट के पास पिंक टॉयलेट बस व कैफेटेरिया चला रही हैं। रानी के पति बीमार हैं, लिहाजा पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं पर है। ऐसे में पिंक टॉयलेट बस व कैफेटेरिया उनकी आत्मनिर्भरता के लिए बहुत मददगार साबित हुआ है। वह बताती हैं कि डूडा द्वारा दी गई सुविधा से वह औसतन 18 हजार रुपये की आय प्रति माह अर्जित कर ले रही हैं। वह बताती हैं कि आने वाले समय में वह बस में स्थानीय प्रचलित व्यंजनों को भी बिक्री हेतु रखेंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

