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शिक्षा मंत्रालय के 'स्वयं' प्लेटफॉर्म का राष्ट्रीय समन्वयक बना बीएचयू

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शिक्षा मंत्रालय के 'स्वयं' प्लेटफॉर्म का राष्ट्रीय समन्वयक बना बीएचयू


शिक्षा मंत्रालय के 'स्वयं' प्लेटफॉर्म का राष्ट्रीय समन्वयक बना बीएचयू


देश में डिजिटल शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए बड़ी भूमिका में बीएचयू

वाराणसी,05 मई (हि.स.)। देश में डिजिटल शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को बड़ी भूमिका मिली है। शिक्षा मंत्रालय (भारत सरकार) ने बीएचयू को (स्वयं) प्लेटफॉर्म पर राष्ट्रीय महत्व की शैक्षणिक संस्थाओं के लिए राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में नियुक्त किया है। स्वयं गवर्निंग बोर्ड की 26वीं बैठक में बीएचयू को राष्ट्रीय समन्वयक बनाने के निर्णय का अनुमोदन किया गया। बीएचयू के प्रबंधन अध्ययन संस्थान के डॉ. आशुतोष मोहन राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में इस कार्य को करेंगे। अब बीएचयू आईएनआईएस द्वारा विकसित मासिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेस की प्रशासनिक, शैक्षणिक और रणनीतिक देख रेख करेगा। डॉ आशुतोष वर्तमान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्वयं के समन्वयक हैं।

सोमवार को विश्वविद्यालय के कुलगुरू तथा प्रभारी कुलपति प्रो. संजय कुमार ने बीएचयू स्वयं टीम को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी और भरोसा जताया कि बीएचयू इस भूमिका में एक मानक संस्थान के रूप में स्थापित होगा। इस संबंध में डॉ आशुतोष मोहन ने कहा कि यह जिम्मेदारी हमारे लिए सम्मान भी है और उत्तरदायित्व भी। बीएचयू ने हमेशा उच्च गुणवत्ता युक्त आधुनिक अधोसंरचना और सशक्त शैक्षणिक नींव के माध्यम से डिजिटल शिक्षा का नेतृत्व किया है। राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत की प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा विकसित ऑनलाइन पाठ्यक्रम गुणवत्ता, पहुँच और प्रासंगिकता के वैश्विक मानकों को पूरा करें। हम उपयोगकर्ता अनुभव को सशक्त करने, क्रेडिट ट्रांसफर को आसान बनाने और पाठ्यक्रम प्रक्रिया को स्वयं 2024 दिशा निर्देशों के अनुरूप सुव्यवस्थित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। महती दायित्व मिलने पर डॉ आशुतोष ने शिक्षा मंत्रालय का आभार भी जताया।

गौरतलब हो कि इस नियुक्ति के साथ, स्वयं प्लेटफॉर्म पर कार्यरत राष्ट्रीय समन्वयकों की संख्या 10 हो गई है, जिनमें एआईसीटीई, यूजीसी, सीईसी,एनसीईआरटी,एनआईओएस, आईआईएम-बैंगलोर, इग्नू,आईआईटी मद्रास आदि शामिल हैं। वर्तमान में भारत में 160 से अधिक राष्ट्रीय महत्व की संस्थाएँ हैं। खास बात यह है कि बीएचयू पहले से ही इस क्षेत्र में नेतृत्व कर रहा है। विश्वविद्यालय ने अब तक 37 स्वयं पाठ्यक्रम विकसित किए हैं, और 63 नए पाठ्यक्रम जुलाई 2025 तक लांच होने की योजना में हैं। इसके अलावा, बीएचयू के पास एक आधुनिक, उच्च गुणवत्ता युक्त डिजिटल स्टूडियो भी है, जहाँ इन पाठ्यक्रमों का रिकॉर्डिंग कार्य किया जाता है।

राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में बीएचयू का कार्य

आईएनआईएस को स्वयं पाठ्यक्रमों के विकास, मूल्यांकन और संचालन में शैक्षणिक व प्रशासनिक सहायता देना। स्वयं 2024 के संशोधित दिशा-निर्देशों का मार्गदर्शन प्रदान करना। पाठ्यक्रमों की पुनरावृत्ति रोकना और विषयवस्तु की प्रासंगिकता सुनिश्चित करना।

मूल्यांकन और प्रमाणन मानकों को नियामक संस्थाओं के सहयोग से सुव्यवस्थित करना।

परीक्षा के पश्चात यूजीसी/एनटीए-अनुपालन योग्य क्रेडिट ट्रांसफर को सक्षम बनाना है। माना जा रहा है कि बीएचयू की यह नियुक्ति केवल विश्वविद्यालय के लिए ही नहीं, बल्कि देशभर की डिजिटल शिक्षा प्रणाली के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ऑनलाइन शिक्षा को न केवल नई दिशा मिलेगी, बल्कि गुणवत्ता और पहुंच में भी व्यापक सुधार होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी