स्मार्टफोन, लैपटॉप, ईयरबड्स और के लिए हमें अलग-अलग चार्जर यूज करने पड़ते हैं. सरकार इस समस्या को दूर करने पर विचार कर रही है. मिली रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार सिर्फ 2 तरह के चार्जिंग पोर्ट एलाऊ करने को लेकर एक बैठक करने वाली है. गौरतलब है कि इस मुख्य बैठक में इस विषय पर विचार करने के लिए मुख्स इंडस्ट्री एसोसिएशन और सेक्टर स्पेसिफिक ऑर्गेनाइजेशन शामिल होंगे. आइए जानते हैं, केंद्र सरकार ऐसा क्यों कर रही है और इसका असर किन-किन कंपनियों पर पड़ेगा. अमूमन स्मार्टफोन, फीचर फोन, लैपटॉप या किसी दूसरे इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंस के लिए आपको अलग-अलग चार्जर प्रयोग करने होते हैं. बहुत जल्द ही आपको इस समस्या से निजात मिल सकती है. सरकार सिर्फ 2 तरह के चार्जर लाने पर विचार कर रही है. यानी भारत में आपको सिर्फ 2 तरह के ही चार्जिंग पोर्ट्स देखने को मिलेंगे. इससे हर बार नया चार्जर खरीदने की समस्या दूर होगी. सिर्फ 2 तरह के चार्जिंग पोर्ट होंगे
रिपोर्ट्स में इस बात का खुलासा हुआ है कि अब वक्त आ गया है कि हम 'सिर्फ 2 तरह के चार्जिंग पॉइंट्स' के फ्रेमवर्क पर काम करना शुरू करें. यानी 1 चार्जिंग पोर्ट स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, ईयरबड्स, स्पीकर जैसे छोटे और मीडियम साइज वाले डिवाइसेस के लिए इस्तेमाल होगा. तो वहीं 2 फीचर फोन्स में यूज होगा. सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर ऐपल पर
अगर केंद्र सरकार इस पॉलिसी को लागू करती है, तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव Apple पर पड़ेगा. गौरतलब है कि ऐपल अपने स्मार्टफोन्स में लाइटनिंग केबल का इस्तेमाल करता है. इतना ही नहीं अब तो ऐपल iPhone के साथ बॉक्स में चार्जर भी नहीं देती है और उसकी बड़ी कमाई का जरिया चार्जर भी हैं. ऐसे में टाइप-सी या किसी दूसरे चार्जिंग पोर्ट के कॉमन होने से कंपनी का बिजनेस बेहद प्रभावित होगा.