अब एप्पल की घड़ी बताएगी शुगर की बीमारी, 12 साल बाद मिली सफलता

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Apple मूनशॉट-स्टाइल प्रोजेक्ट पर काम रही है. मिली जानकारी के अनुसार एप्पल कम्पनी का यह प्रोजोक्ट स्टीव जॉब्स के समय का है.इस प्रोजोक्ट के तहत कंपनी नॉन इनवेसिव और कंन्टिन्यू ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग पर काम कर रही है. इसकी सहायता से किसी व्यक्ति के शरीर से बिना खून निकाले यह पता चल सकता है कि उसकी बॉडी में कितना ग्लूकोज मौजूद है? Apple कंपनी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी जल्द ही बाजार में ग्लूकोज मॉनिटर पेश कर सकती है. अगर Apple कंपनी अपने प्रोजेक्ट को हासिल करने में सफल हो जाती है, तो यह डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान साबित होने वाला है. एप्पल कंपनी का लक्ष्य इसे Apple स्मार्ट वॉच के मॉनिटरिंग सिस्टम में जोड़ना होगा. जिससे ऐपल की स्मार्ट वॉच दुनिया भर के लाखों डायबिटीज रोगियों के लिए एक आवश्यक डिवाइस बन जाएगी. फिलहाल कंपनी इस तकनिकी पर काम कर रही है. कम्पनी द्वारा उठाया गया यह निर्णायक कदम कंपनी के लिए बाजार के नए रास्ते खोल सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि हर 10 अमेरिकियों व्यक्तियों में से 1 को व्यक्ति को डायबिटीज है और वे आम तौर पर एक ऐसे उपकरण के लिए बाध्य है जो ब्लड के नमूने के लिए स्किन में चुभता है. एक रिपोर्ट की माने तो ऐपल सिलिकॉन फोटोनिक्स चिप टेक्नोलॉजी और ऑप्टिकल अब्सॉर्प्शन स्पेक्ट्रोस्कोपी नामक एक माप प्रक्रिया का उपयोग करके कंपनी मधुमेह कि जांच के लिए एक अलग अप्रोच ले रही है.

कंपनी द्वारा 12 साल से काम जारी

एप्पल इसे बनाने के लिए पिछले 12 साल से काम कर रही है. इस तकनीक का एक उद्देश्य उन लोगों के लिए चेतावनी देना भी है, जो प्री-डायबिटीज से ग्रस्त हैं. जिससे लोग टाइप 2 डायबिटीज को बढ़ने से रोक सकते हैं और अपने लाइफस्टाइल में समय रहते ही बदलाव कर सकते हैं.