कभी गंभीर बीमारी से ग्रसित लियोनेल मेसी आखिर कैसे बने, स्टार खिलाड़ी

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फीफा World कप 2022 खत्म हो चुका है. फीफा World कप के टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच खेला गया. अर्जेंटीना की अगुआई लियोनेल मेसी के हाथों में थी. अपना आखिरी विश्व कप खेल रहे 35 साल के लियोनेल मेसी ने अर्जेंटीना को चैंपियन बना कर ही दम लिया. मौजूदा समय में मेसी दुनिया के सबसे महान फुटबॉल खिलाड़ियों में गिने जाते हैं, लेकिन एक वो वक्त ऐसा था, जब मेसी ने खुद नहीं सोचा था कि वह फुटबॉल की दुनिया में इतना बड़ा नाम बनेंगे.  साल 1987 में लियोनेल मेसी का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. लियोनल मेसी के पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे और उनकी मां सफाई का काम करती थीं. लियोनल मेसी मेसी के पिता एक फुटबॉल क्लब में कोच हुआ करते थे. ऐसे में फुटबॉल मेसी के खून में भरा था. सिर्फ 5 साल की उम्र में लियोनेल मेसी एक फुटबॉल क्लब के साथ जुड़ गए. यहां उन्होंने खेल से जुड़ी सभी बुनियादी चीजें सीखीं. 8 साल की उम्र में मेसी न्यूवैल ओल्ड बॉयज क्लब से जुड़ गए.

गंभीर बीमारी से जीतकर चैंपियन बने मेसी

मेसी फुटबॉल की दुनिया के ककहरा को सीख रहे थे, तभी पता चला कि उन्हें ग्रोथ हार्मोने डिफिसिएंसी सिंड्रोम है. इस बीमारी की वजह से पीड़ित बच्चों का शारीरिक विकास रुक जाता है और वह कद बौने रह जाते हैं. लियोनल मेसी मेसी फुटबॉल की दुनिया में अपनी झलक दिखा चुके थे. रिवर प्लेट उन्हें अपने साथ रखने के लिए तैयार था, लेकिन उनके इलाज का कोई भी खर्च नहीं उठा सकता था. लियोनल मेसी की बीमारी के बारे में जानकर उनके परिवार के लोग बेहद ही चिंतित था. इसी बीच बार्सिलोना ने छोटे फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए टैलेंट हंट प्रोग्राम शुरू किया और लियोनल मेसी इसमें चुन लिए गए. इसके बाद बार्सिलोना ने ही लियोनल मेसी के इलाज का पूरा खर्चा उठाया और उनके मस्तिष्क पर बीमारी का जरा भी असर नहीं हुआ. अब कदम बढ़ाते हुए मेसी प्रोफेशनल फुटबॉल में कदम रख चुके थे, लेकिन लगभग 1 साल उनके यूरोप में सेटल होने में ही लग गया. वह अर्जेंटीना की B टीम का हिस्सा बने और लगभग हर मैच में गोल दागा. लियोनल मेसी 14 साल तक इस टीम के साथ रहे. साल 2006 विश्व कप में लियोनेल मेसी पहली बार नजर आए. तब से लेकर अब तक वह सबसे ज्यादा 26 विश्व कप मैच खेल चुके हैं. इस दरमियान उन्होंने अर्जेंटीना के लिए सबसे ज्यादा 13 गोल किए हैं. लियोनल मेसी ने 22 साल की उम्र में पहला बैलेन डी ओर खिताब जीता था. साल 2021 में वह बार्सिलोना से अलग हुए. मेसी ने 2008 में मेसी ने बीजिंग ओलंपिक में अर्जेंटीना को स्वर्ण पदक दिलाया. हालांकि, साल 2010 विश्व कप में वह कोई गोल नहीं कर सके और उनकी टीम को भी हार का सामना करना पड़ा. साल 2014 में उनकी टीम फाइनल में जर्मनी से परास्त हुई और मेसी की आंखों में आंसू थे. मेसी की आखिरी ख्वाहिश अपनी टीम को विश्व कप जीताना था, जिसे साल 2022 में उन्होंने पूरी कर लिया.