युवा कबड्डी सीरीज बनी मेरे भविष्य की बुनियाद: लोकेश घोसलिया

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युवा कबड्डी सीरीज बनी मेरे भविष्य की बुनियाद: लोकेश घोसलिया


हरिद्वार (उत्तराखंड), 4 अप्रैल (हि.स.)। किसी भी मुकाम को हासिल करने का सबसे बड़ा मूलमंत्र मेहनत और लगन के सिवाय कुछ नहीं हो सकता। ऐसी ही कुछ कहानी है जयपुर के रहने वाले लोकेश घोसलिया की। अपने बड़े भाई को स्थानीय कबड्डी प्रतियोगिताओं में खेलते देख कबड्डी में भविष्य निर्माण की चाह रखने वाले लोकेश ने इस खेल की शुरुआत 2016 में की थी। हालांकि उनका यह सफर ज्यादा दिन नहीं चल पाया और कुछ महीनों के बाद पारिवारिक कारणों के चलते उन्हें इससे दूरी बनानी पड़ी, पर कहते हैं न सपना अगर आसमान का हो तो धरती पर चैन कहां आएगा..।

6-7 महीनों तक कबड्डी से दूर के रहने बाद उन्हें एक बार फिर मौका तब मिला, जब स्कूल के बाद गर्मियों की छुट्टियां हुईं और वहीं से लोकेश ने लिखनी शुरू की अपने भविष्य की इबारत।

हरिद्वार में चल रहे युवा ऑल स्टार्स चैम्पियनशिप में युवा मुंबा का प्रतिनिधित्व कर रहे लोकेश ने साझा किए अपनी जिंदगी के कुछ अहम अध्याय। उन्होंने कहा, मैं अपने बड़े भाई को मजे के लिए कबड्डी खेलते देखता था, धीरे-धीरे मेरी रुचि उसमें गहराने लगी, जिसके बाद मैं नियमित रूप से स्टेडियम जाकर कबड्डी सीखने लगा। हालांकि शुरुआत में परिवार से कोई खास समर्थन नहीं मिला लेकिन जब मैंने जिला और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना और अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किया तो परिवार को भी लगा कि यही इसके लिए सही है।

19 वर्षीय लोकेश ने सबसे पहले 2022 की समर एडिशन में अरावली एरोज़ के साथ युवा कबड्डी सीरीज में डेब्यू किया। अपने पहले सीज़न में उन्होंने 30 मैचों में 81 पॉइंट्स अर्जित किए। वह अरावली एरोज़ टीम के लिए समर एडिशन 2022, मानसून एडिशन 2022, विंटर एडिशन 2022 और मानसून एडिशन 2023 में अहम खिलाड़ी रहे। इसके अलावा उन्होंने समर एडिशन 2023 में पेरियार पैंथर्स के लिए भी खेला।

वर्तमान में चल रही युवा ऑल स्टार्स चैम्पियनशिप 2025 में लोकेश युवा मुंबा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। जहां उन्होंने 18 मैचों में 68 पॉइंट्स हासिल किए। उन्होंने युवा कबड्डी सीरीज के छह संस्करणों में कुल 144 मैचों से 485 पॉइंट्स अर्जित किए हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। इतना ही नहीं युवा कबड्डी सीरीज में लगातार दो साल शानदार परफॉर्मेंस के चलते प्रो कबड्डी लीग में भी चयनित हुए।

युवा कबड्डी सीरीज पर बात करते हुए लोकेश ने कहा, “युवा कबड्डी सीरीज ने मेरे करियर को संवारने और मुझे प्रो कबड्डी लीग तक पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है। मेरे लिए युवा कबड्डी सीरीज के शुरुआती संस्करणों में भाग लेना और पीकेएल तक पहुंचना एक शानदार अनुभव था। युवा कबड्डी सीरीज के प्रारूप की तारीफ करते हुए उन्होंने आगे कहा, मेरी सफलता और खेल में सुधार का सारा श्रेय इसी लीग को जाता है। इसी ने मुझे सिखाया कि मैदान में उतरकर खेल के दौरान अपनी कमजोरियों को समझना और उनको सुधारना कितना जरूरी है।

उन्होंने आगे कहा, नेशनल टूर्नामेंट्स में केवल 3-4 मैच होते हैं, जबकि युवा कबड्डी सीरीज में ढेर सारे मुकाबले होते हैं, जिसमें खिलाड़ियों को परफॉर्म करने का ज्यादा मौका मिलता है और अगर आप बेहतर कर पाए तो निश्चित तौर पर पीकेएल के कोचों और स्काउट्स का ध्यान आप पर जरूर पड़ेगा। इस प्रारूप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि हर टीम एक संस्करण में कई मैच खेलती है और अलग-अलग टीमों व खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने का अनुभव मिलता है। इस अनुभव से मुझे अपनी गलतियों से सीखने और अपने खेल को बेहतर बनाने में मदद मिली। फिलहाल मेरा पूरा ध्यान अपने खेल पर है, देखते हैं मेरा हौसला मुझे कहां तक लेकर जाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा