home page

युवा वैज्ञानिक डॉ. राज सरदार ने खोज निकाली प्लास्टिक खाने वाली नई बैक्टीरिया

 | 
युवा वैज्ञानिक डॉ. राज सरदार ने खोज निकाली प्लास्टिक खाने वाली नई बैक्टीरिया


सहरसा, 11 दिसंबर (हि.स.)। कोसी के लाल डॉ. राज सरदार ने कमाल कर अपने नए शोध में जटिल व मजबूत प्लास्टिक को जैविक विधि से खाने वाली नई बैक्टीरिया का पता लगाया हैं। डॉ. सरदार के नए शोध में सूक्ष्म जीव द्वारा प्लास्टिक को खाने वाली मेटाबेसिलस निबेंसिस नामक दूसरी एक्सट्रीमोफिलिक बैक्टीरिया का खोज किया हैं।

माइक्रोबायोलॉजी विषय के विशेषज्ञ डॉ. राज सरदार सहरसा नगर निगम के वार्ड नं नौ, नरियार निवासी एवं स्व.अमरनाथ सरदार व समाजसेवी त्रिफुल देवी के सुपुत्र हैं । इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ धनोज कुमार एवं सहरसा कांग्रेस के युवा नेता सह मीडिया एंड आई टी सेल के सचिव आशीष कुमार ने पर्यावरण प्रदुषण के उपाय की दिशा में डॉ. सरदार को इस शानदार खोज के लिए बधाई और शुभकामना दिए है।

डॉ. सरदार की यह महत्वपूर्ण डिस्कवरी स्विट्जरलैंड से फ्रंटियर्स मेडीसा प्रकाशक के द्वारा उच्च मानक क्यू-वन रैंक के अंतराष्ट्रीय जर्नल फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित किया हैं। प्रकाशन से पूर्व इस डिस्कवरी की मूल्यांकनऔर सत्यापन हेतु नियुक्त अतातुर्क यूनिवर्सिटी तुर्की, के प्रोफेसर मूरत ओज़्दल ने अपनी समीक्षा अनुशंषा एडिटर जिनवै झेंग यूनाइटेड किंगडम को सौपीं थी ।

मेटाबेसिलस निबेंसिस आंतरिक मेटाबोलिक रिमॉडलिंग कर प्लास्टिक विघटन हेतु आवशयक एन्ज़ाइम्स बनाता है जिसके मदद से प्लास्टिक को विखंडित कर छोटे छोटे टुकड़ों में खंडित कर देता है। इस सूक्ष्म प्लास्टिक को जीवाणु स्वयं के लिए कार्बन एवं ऊर्जा के श्रोत के रूप में उपयोग कर प्लास्टिक के आण्विक भार को 3.3 प्रतिशत तक कम करता है साथ ही बायो मास में बृद्धि करता है । ये दर किसी अन्य शोध परिणाम की तुलना में दुगुना हैं । यह डिस्कवरी पर्यावरण के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं क्युकी दुनियाभर में बढ़ते हुए प्लास्टिक कचरा का करीब दस फीसदी ही रिसायकल किया जाता हैं।बांकी के प्लास्टिक मृदा, नदी और समंदर को प्रदूषित करता हैं जिसके वजह से जहरीली गैसे, बंजर भूमि और आमजन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर परता हैं।

भारत में करीब दस मिलियन टन प्लास्टिक प्रतिवर्ष उत्पादन हो रहा है ।युवा वैज्ञानिक डॉ. राज सरदार, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग में कार्यरत हैं तथा पिछले दो दशक से रिसर्च, अध्यन व अध्यापन कार्यों में जुड़े हैं। डॉ. राज सरदार अमेरिकन सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी में ग्लोबल प्रतिष्ठित मेंबर तथा स्प्रिंगर नेचर द्वारा माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में पियर रिव्यूअर हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार